जागरूकता के अभाव में ग्रामीण नहीं करा रहे कोरोना की सैम्पलिंग अजयगढ़ से संवाद न्यूज ब्यूरो जयराम पाठक की रिपोर्ट

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ग्रामीणों का कहना है पहले पंचायत के कर्मचारी करायें जांच

भापतपुर कुर्मियान- अजयगढ़ विकासखंड के ग्राम भापतपुर कुर्मियान में बीते रोज मंगलवार 18 मई ग्राम पंचायत भवन में अजयगढ़ अस्पताल टीम द्वारा सैम्पलिंग की गयी। जिसमें चार नये लोग और एक व्यक्ति जो 11 भी की सैम्पलिंग में कोरोना पाॅजिटिव आया था।इस तरह कुल पांच लोगों की सैंपलिंग ग्राम पंचायत भवन भापतपुर कुर्मियान में हुई। गौरतलब है कि 11मई को हुई सैम्पलिंग में ग्राम के आठ लोगों की जांच कोविड 19 पाॅजिटिव आयी थी। और भी ध्यान देने की बात है कि बीते एक सप्ताह में 10-12 लोगों की मौते और एक ही दिन में तीन लोगों की मौतें होने पर 11मई को दो चार परिवारों के 32 लोगों ने सैम्पलिंग करायी तो 08 कोरोना पाॅजिटिव मरीज निकले थे। लेकिन इसके बावजूद भी ग्राम के लोग सैम्पलिंग नहीं करा रहे हैं। इसका एक यह भी बहुत बड़ा कारण है कि गांव की आंगनवाडी कार्यकर्ताओं,आंगनवाड़ी सहायिकाओं और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वयं अपनी और अपने परिवार की सैम्पलिंग नहीं करायी जा रही है। और बीमार होने पर गांव के जिम्मेदार लोगों द्वारा स्वयं झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराया जा रहा है। तथा कोरोना पाॅजिटिव निकले परिवार के अन्य सभी सदस्यों को जो कोरोना नेगेटिव निकलें हैं, उन्हें भी ग्राम के शिक्षित लोग तक हेय दृष्टि से देखते है। विशेषकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पाॅजिटिव आए व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों को हीन भावना से देखा जाता है। तरह तरह की अफवाहें फैलाई जाती हैं। और दुकानों में सौदा तक नहीं देते हैं। यही तमाम कारण है कि लोग जांच नहीं कराया रहें हैं,सेम्पिंग कराने से डर रहे हैं। तथा इस बीमारी को छिपा रहे हैं, और समाजिक प्रतिष्ठा बनाये रखने की कीमत अपनी जान देकर चुका रहे हैं।
ग्राम में जिन परिवारों के लोगों जांच नहीं कराई और कोरोना वायरस के लक्षण भी है। उनके लिए कोई पाबंदी नहीं है, ग्राम में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है। न ही किल कोरोना अभियान का अता-पता है।  ग्राम में जागरूकता का अभाव है इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
हो सकता है कि ग्राम सरपंच,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,आंगनबाड़ी सहायिका,आशा कार्यकर्ता, शिक्षक आदि सभी शिक्षित लोग अपने-अपने परिवार की सैम्पलिंग करायें तो ग्राम में जागरूकता आए। वो भी ग्राम में आने वाली टीम से सैम्पलिंग कराये। जिसे ग्राम के लोग देखें और विश्वास करें। क्योंकि ग्रामीणों का कहना है कि एक पंचायत के कर्मचारी इंसान नहीं है,यह जांच क्यों नहीं करा रहे हैं।
18 मई को ग्राम में अधिकांश लोगों ने यह कह कर इंकार कर दिया कि जिन घरों में मौतें हुई हैं तथा विवाह हो रहें  हैं, उन घरों की सैम्पलिंग क्यों नहीं करायी जा रही हैं। ग्राम के कर्मचारी अपनी जांच नहीं करा रहे तो, हम क्यों करायें?क्या गांव में हमीं है कि पन्नी में भरकर भेज तो जहां न मरना हो तो वहां मर जाएं? कोरोना के विषय में ग्रामीण में जागरूकता का अभाव है एवं अफवाहों के शिकार हैं।

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