मनिकवार नं.1 में बैठक के अभाव में पंचगण / ग्रामीण.नहीं जान पाते पंचायती योजनाएं
मनिकवार, : जनपद पंचायत रायपुर ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम पंचायत मनिकवार नं.1 में सरकारी तंत्र की उदासीनता से खुली बैठक की औपचारिकता पूरी नहीं हो रही है। इसके चलते पंचायतों के लोगों को पंचायती योजनाओं की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि ग्राम पंचायत सदस्य भी खुद को उपेक्षित मान रहे हैं। गांव के लोग मानते हैं कि सरपंच और पंचायत सचिव अपनी मर्जी से गांव की सत्ता का संचालन कर रहे हैं। खुली बैठक नहीं होने से विकास की गति धीमी है। विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं में भी वोट के हिसाब से गुणा-गणित है।
शो पीस बना सीएफटी भवन

कहने को वैसे ग्राम पंचायत मनिकवार में सीएफटी भवन भी है जहां पर 10 पंचायतों को मिलाकर एक सीएफटी भवन है लेकिन इसका न तो कभी ताला खुलता है न ही कभी बैठके होती हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब संवाद न्यूज टीम को सूचना मिली कि ग्राम पंचायत मनिकवार में लोगों को अपना काम जैसे आईडी में नाम जुड़वाना , आधार कार्ड फीड करवाने, वृद्धा/ विधवा पेंशन जैसे अन्य कामों को लेकर भटकना पड़ रहा है जबकि पंचायतों में मंगलवार को बैठके करने का निर्देश बकायदे दर्शाया गया है लेकिन जब संवाद न्यूज की टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि सीएफटी भवन एवं पंचायत भवन में ताला बंद है व हर तरफ गंदगी का अंबार लगा है इस पर स्थानीय लोगों से बात की तो पता चला कि यहां पर सचिव कौन हैं लोगो को पता ही नहीं है स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर कभी भी कोई बैठके नहीं होती हैं न ही कोई जानकारी होती हैं न ही सचिव कभी आते हैं । इस पर हमारी टीम ने सरपंच से बात करने की कोशिश की मगर आम लोगों की तरह निराशा ही हाथ लगी और बात नहीं हो पाई फिर हमारी टीम से मुलाकात हुई पंचायत के ही प्रतिनिधि उप सरपंच श्रीमती पुष्पा कुशवाहा से , उन्होंने बताया कि यहां पर सरपंच तो कहने मात्र को है काम तो कोई और करता है और सचिव कौन हैं नहीं जानते वो पंचायत में कभी भी आते ही नहीं है न ही कभी बात करते हैं यही जबाब स्थानीय लोगों ने भी दिए ।
गुजरे जमाने की बात हो चुकी है खुली बैठक
ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं के लिए खुली बैठक नहीं कराए जाने से निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य अपने को पूरी तरह उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। ग्राम पंचायत सदस्यों का कहना है कि ग्राम पंचायत सरपंच/सचिव इच्छा अनुसार विकास कार्यों का प्रस्ताव लिख लेते हैं। उनसे ग्राम पंचायत के बैठक के बारे में तो बोल दिया जाता है कि बैठक तो सब घर में हो जाती है ग्राम सभाओं की खुली बैठक गुजरे जमाने की बात हो गई है रोजगार सहायक सचिव से पूछने पर वे यह मानने को तैयार नहीं है कि ग्राम पंचायत या ग्राम सभा की खुली बैठक नहीं होती है जबकि ग्राम पंचायत मनिकवार के निर्वाचित सदस्य या आम लोग कहते हैं कि हम लोग कहीं भी चलकर कहने को तैयार हैं कि 3 वर्ष से आज तक बैठकें नहीं हो रही है। ग्राम पंचायत सरपंच राजकुमार बसोर /सचिव संतकुमार का आचरण पंचायती राज के उद्देश्यों को ही ध्वस्त कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि शासन को चाहिए कि ग्राम पंचायत या ग्राम सभा की बैठक की वीडियोग्राफी कराने का निर्देश जारी करें और उस बीडीओ को सोशल मीडिया पर डालने के साथ अधिकारियों को भी प्रेषित किया जाए क्योंकि कहीं-कहीं वर्षों पुराना वीडियो भी नए प्रस्ताव के बैठक के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। उप सरपंच पुष्पा कुशवाहा का कहना है कि हमारे पंचायत में 3 वर्ष से ग्राम सभा एवं आमसभा की बैठकें नहीं हुई है तो उसकी शिकायत जनपद सीईओ ,जिला पंचायत अधिकारी,कलेक्टर,कमिश्नर सीएम हेल्पलाइन 181में की गई जिसका आज तक निराकरण नहीं किया गया है जो यह जांच का विषय है एवं सरकार की सुस्ती से ग्राम पंचायत के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं ।




































