केवलारी वाले दादाजी हुऐ ब्रह्मलीन, बुधवार की दोपहर विधि विधान से दी गई समाधि,संवाद न्यूज के लिए मोहन पटेल की रिपोर्ट

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दमोह जिले के प्रसिद्ध जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर के समीप था आश्रम

दमोह – जिले के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ क्षेत्र देव श्री जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित केवलारी गांव की मणि टोरिया पर लगभग 70वर्षों से एक ही परिधि के अंदर तपस्या रत केवलारी वाले दादा जी का सोमवार अर्धरात्रि को निधन हो गया है दादा जी के अनन्य भक्त रियाना निवासी पप्पू सींग (चोपरा वारे)ने बताया कि धूनी वाले दादा जी मणि टोरिया की पहाड़ी के ऊपर स्थित गोल आवरण में बना ग्राउंड जिसके अंदर एक मंदिर है उसमें धूनी रमाए तपस्या में लिप्त थे उन्हें बाहरी दुनिया से तनिक भी मोह नहीं था अपनी तपस्या में लीन संत शिरोमणि को लोभ,लालच,मोह,माया से बिल्कुल भी मोह नहीं था दिन रात अपनी धूनी सिलगाय हुए राम नाम की धुन में लिप्त थे संत शिरो मणि का जन्म स्थान जबलपुर के डोंगरिया गांव का माना जाता है लेकिन इनके परिवार के बारे में किसी को पता नहीं लोगों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संत शिरोमणि 110 बर्ष के थे जहां पर दादा जी की तपोस्थली थी वो स्थान सिद्ध क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है जहां पर भक्तों का आना जाना लगा रहता है संत शिरोमणि के दर्शन सिर्फ उनके भक्तों को ही मिलते थे जो उनकी सेवा में दिन रात लगे रहते थे बाहरी लोगों को क्षणिक भर ही दर्शन मिलते थे लोगों के मुखार विंद से सुना है कि संत न तो किसी से मिलते थे और न ही गोल आवरण में बने ग्राउंड के बाहर और टोरिया के नीचे कभी नहीं उतरे इस अवसर पर खंडवा वाले दादाजी सीतानगर शाला के महंत हरिप्रसन्न लक्ष्मण कुटी के महंत सहित अनेक संत केवलारी पहुंचे और भक्ति भाव में लीन संत शिरोमणि को बुधवार दोपहर को पूरे विधि विधान व मंत्र उच्चारण कर समाधि दी गई।

मोहन पटेल, ग्रामीण जिला संवाददाता दमोह

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