900 गोशालाओं का पता नही, कहाँ जाएंगे गोवंश (मामला प्रदेश में बनने वाली 900 गोशालाओं का जिनमे अब तक शुरू नही हुआ निर्माण कार्य, खरीफ 2019 में एकबार फिर गोवंशों के जीवन को बना संकट, फसल नुकसानी पर फिर बनेंगे अवैध बाड़े,
मप्र में बनाई जाने वाली 900 शासकीय गोशालाओं के निर्माण में अभी भी प्रगति न होने से प्रदेश के आवारा छोड़ दिये गए गोवंशों के जीवन पर संकट उपस्थित होना स्वाभाविक है। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी खरीफ सीजन आने पर यह आवारा पशु जब किसानों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुचायेंगे तो लोग इन आवारा पशुओं को अवैध तरीके से बनाये जाने वाले पशु बाड़ों में कैद कर देंगे जहां पर न उनको समुचित चारे पानी की कोई व्यवस्था होती है न तो छाया की।
💥 *900 गोशालाओं का सपना अभी भी अधूरा*
यद्यपि मप्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश में 1000 गोशालाओं को खोले जाने की जो घोषणा हुई थी उसके परिपालन में मप्र सरकार ने नई सरकार के गठन के उपरांत 900 ग्रामों को चिन्हित कर 900 गोशालाओं को खोलने के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया है। इसी तारतम्य में प्रदेश सरकार 300 स्मार्ट गोशालाएं बनाने एवं सरकारी भूखंडों में कई निजी गोशालाओं को खोलने हेतु भी प्रयास प्रारम्भ कर दिए हैं। परंतु बिडम्बना यह है कि अब तक सब कुछ कागजों पर ही चलता जा रहा है। बातें सुनने को मिल रही हैं। वक्तव्य जारी हो रहे हैं और कार्ययोजना बन रही हैं लेकिन वास्तविक धरातल पर अब तक किसी भी पंचायत में गौशालाएं दिख नही रही हैं ऐसे में अभी भी प्रदेश के लाखों आवारा गोवंशों के जीवन के लिए संकट बना हुआ है।
💥 *आवारा पशु इस सीजन भी खाएंगे लाठी डंडे*
समाज द्वारा बहिष्कृत कर दिए गए गोवंशों को देखने वाला अब कोई गोपाल नही है। ऐसे में निरंतर मीडिया और शासन प्रशासन के समक्ष आवाज उठाये जाते रहने से शासन स्तर से प्रयास हुए और आज प्रदेश के आवारा बेसहारा छोड़ दिये गए गोवंशों के लिए 900 गोशालाओं के रूप में एक आशा की किरण उठी है। पर अब देखना यह होगा कि इस योजना को कब तक क्रियान्वित किया जाता है।
जाहिर है जिस प्रकार की प्रगति है ऐसे में इस खरीफ सीजन 2019 में भी सरकारी गोशालाएं बनती नही दिख रही हैं ऐसे में जाहिर है कि इस वर्ष भी गोवंशों की खातिरदारी लाठी डंडे और अवैध बाड़ों से ही होने वाली है।