दमोह – एक ओर शासन का निरंतर प्रयास कर रही है की ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर सुधार कर उठाने मे लगी हुई है परंतु जिला शिक्षा विभाग के द्वारा ग्रामीण इलाकों मे आ रही शिकायतों और आवश्यकताओं पर सुनने को तैयार ही नहीं है जहां सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु पढ़ाई के लिए लाखों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है जिससे शिक्षा का स्तर सुधर सके लेकिन देखा जाए तो व्यवस्था कुछ और ही बयां करती हुई नजर आ रही है शिक्षा सत्र अंतिम दौर मे परीक्षाओं का टाइम टेविल घोषित कर दिया गया मगर अब भी स्कूलों में शिक्षकों के विषयवार पद खाली पड़े हैं जिससे बच्चो की पढ़ाई व्यवस्था चौपट है शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए गांव-गांव में प्रशासन की ओर से स्कूल तो खोल दिया गया है मगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते विषयवार शिक्षक नहीं होने के कारण समय पर कोर्स पूरा नहीं हो रहे हैं शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते शिक्षा सत्र के अंतिम समय मे भी शिक्षकों बदस्तूर जारी है और अब सवाल उठता है कि बच्चें पढ़ाई करें तो कैसे करें संपूर्ण मामला है दमोह जिले के रियाना गांव में शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा बार के अनुसार शिक्षक नहीं है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार की दिशा में जाता दिखाई दे रहा है तो ऐसा ही नजारा है रियाना गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला जहां शिक्षकों का अभाव है जहां रियाना गांव के मिडिल स्कूल में 85 विद्यार्थी पड़ते हैं जहां गणित,विज्ञान,शिक्षक गनेश तिवारी पढ़ाते हैं और हिन्दी,संस्कृत,सामाजिक विज्ञान अशोक पाठक पढ़ाते हैं वहीं अशोक पाठक जी से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि हम मुड़ारी स्कूल में पदस्थ है लेकिन रियाना मिडिल स्कूल में कोई शिक्षक न होने की बजाय से हम यहां का कार्यभार संभाले हुए हैं यहां बिगत वर्षों से शिक्षकों की समस्या हो रही है तो वहीं विद्यार्थी आरती ठाकुर,सरस्वती ठाकुर,सुनील ठाकुर,लोकेंद्र ठाकुर ने बताया कि परीक्षा का टाइम टेबल घोषित कर दिया गया है लेकिन इंग्लिश विषय के टीचर न होने की बजय से अंग्रेजी का कोर्स बिल्कुल नहीं हुआ है जो कि चिंता का विषय बना हुआ है तो वहीं दमोह बीआरसी के आला अधिकारी मौन हैं एवं हम लोगों के द्वारा भी पूर्व में भी इस खबर को प्रकाशित किया गया था और ग्रामीण नितेश सिंह ठाकुर ने बीआरसी को अवगत कराया था लेकिन बीआरसी रमेश अठया के सुस्त रवैए से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है जिसमें शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है यही वजह है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे उच्च शिक्षा पाने से वंचित रह जाते हैं जिस और जिला प्रशासन भी कुछ खास ध्यान नहीं दे रहा है इसके बावजूद आज तक कोई भी कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई।
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