पावन नगरी देवतालाब में पंच दिवसीय श्री राम कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन सम्पन्न हुआ जिसमें श्रीराम कथा वक्ता मानस कोकिला श्री अन्नपूर्णा जी ने कहा कि मानव शरीर मिट्टी का पुतला है, लेकिन जब इसमें राम नाम की रसधार मिल जाती है, तो यह देह कंचन से भी अधिक मूल्यवान बन जाती है। जीवन में सफलता के लिए राम का आश्रय जरूरी है। धर्म और संस्कृति इस देश की प्राण वायु है। दुर्लभ मनुष्य जीवन केवल खाने-पीने और सोने के लिए नहीं मिला है, हम पीड़ितों के आंसू पोछ सकें, इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता है। नर सेवा ही नारायण सेवा और मानव सेवा ही माधव सेवा है। खुशियां बांटने से बढ़ती है, इसलिए दूसरों की खुशियों से खुश रहना सीखना चाहिए। ये विचार प्रवचन के दौरान व्यक्त किए।
शिव मंदिर परिसर पर आयोजित पंच दिवसीय राम कथा ज्ञान महायज्ञ में रामचरित्र मानस की चौपाइयों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्नपूर्णा जी ने कहा कि मात्र कथा सुनने से भक्ति प्राप्त नहीं होती। ईश्वर की भक्ति प्राप्त करने के लिए स्वयं को उस अनुरूप बनाना पड़ता है। जिस तरह शरीर के मैल को पानी से धोया जा सकता है। उसी तरह मन के मैल को साफ करने के लिए श्रीराम चरित मानस का अध्ययन करना और सुनना बहुत जरूरी है। ये राम कथा आत्मा को उसके मूल तत्व परमात्मा से जोड़ देती है। यह स्थिति ही परम आनंद की है। शास्त्रीय संगीत की धुन पर जब तबला और हारमोनियम की धुन पर भजन गाये, तो श्रद्धालुु नृत्य करने लगे। कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल कॉलेज रीवा के चेयरमैन डॉ एस.एस. तिवारी ने श्रीरामकथा मे विशाल संख्या में क्षेत्रीय जनों के पहुंच कर आयोजन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया साथ ही आयोजन मे दिन रात व्यवस्था के लिए परिश्रम करके सहयोग करने वाले अपने सभी कार्यकर्ताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि देवतालाब क्षेत्र की जनता जनार्दन का असीम स्नेह सदैव अविस्मरणीय रहेगा,डा.एस.एस.तिवारी ने क्षेत्र के पत्रकारों, समाजसेवियों सहित स्थानीय व्यापारियों का भी विशेष सहयोग के लिए आभार जताया ।