नगर पालिका में चल रही दलाली अपात्र को पात्र बना कर दिया जा रहा है शासन की योजनाओं का लाभ,पन्ना से संवाद न्यूज ब्यूरो सचिन खरे की रिपोर्ट

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पन्ना। मजदूर गरीब अंतिम छोड़ का कहां जाने वाला व्यक्ति जिसके पास कुछ भी नहीं है जैसे आवास शौचालय मजदूरी कार्ड गरीबी रेखा का कार्ड और भी अन्य योजनाएं जो शासन गरीबों के लिए चला रही है और इन योजनाओं का लाभ सबसे पहले इन्हीं लोगों के लिए दिया जाना है सरकार द्वारा गरीबों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं बीपीएल कार्ड से गरीबों को खाने को कंट्रोल ओं से राशन दिया जाता है ताकि वह अपना और अपने परिवार का पेट पाल सकें भूख मिटा सकें ऐसे ही मजदूरी कार्ड भी बनाए जा रहे हैं जिसमें मजदूरों के बच्चे भी अब पढ़ लिख कर बड़े अफसर अधिकारी बन सकते हैं और कहीं ना कहीं इन कार्डों के और भी अन्य लाभ हैं जो कि सरकार दे रही है वह भी निशुल्क बिना पैसे के एक निश्चित शुल्क पर और रहने के लिए शहरी क्षेत्र में सभी वार्डों में जिनके पास घर नहीं है पक्का मकान उनको आवाज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं सर्वे कराकर और शौचालय की बात की जाए तो नगर में सभी बागों में शौचालय के लिए भी सबसे पहले बीपीएल धारी पात्र होता है जिसमें तेरा सौ के लगभग राशि हितग्राही से ली जाती है और बाकी की राशि सरकार द्वारा उसके खाते में डाल कर शौचालय का निर्माण किया जा रहा है मगर देखा जाए तो नगर में 22 वार्ड हैं और सभी भागों में मजदूर तबके के लोग रहते हैं जो कि सुबह से शाम तक पहाड़ी मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं अगर बात शासन की 2 योजनाएं इन गरीबों को चल रही हैं उनकी की जाए तो उनके सर्वे लिस्ट में नाम तो रहता है और उनके फार्म भी भरे जा रहे हैं ताकि उनको शासन की जो भी योजनाएं चल रही हैं उन योजनाओं का लाभ उनको मिल सके नगर पन्ना नगर पालिका परिषद के हाल कुछ और हैं यहां पर दलाल सक्रिय हैं हर काम बिना लेनदेन के नहीं होता चाहे वह मजदूरी कार्ड हो बीपीएल बनवाना हो शौचालय पास करवाना हो या फिर प्रधानमंत्री आवास सभी में पैसा लगता है कमीशन चल रही है लोगों का कहना है कि हम लोग मजदूरी करते हैं सुबह से शाम पसीना बहाते हैं क्योंकि परिवार का भरण पोषण करना पड़ता है कई बार फार्म भी नगर पालिका परिषद में यह पात्र जो की मजदूरी करते हैं फार्म भर कर डाल चुके हैं किसी किसी को तो तीन तीन बार फार्म डाले हो गए पर अभी भी हम लोगों के नाम नहीं आए और ना ही किसी भी योजना का लाभ मिल रहा है नगरपालिका जाओ तो कहते हैं कल आना अभी साहब नहीं है ऐसे कल के रोज चक्कर लगवा दे है और अगर ज्यादा कहो तो कहते हैं कि कुछ पैसा लगेगा और तुम्हारे सारे काम हो जाएंगे बिना पैसे की कोई काम नहीं होता गेट के अंदर जाते ही दलाल बैठे मिल जाते हैं अब साहब आप ही बताएं हम लोग रोज मजदूरी करने वाले कहां तक रोज रोज चक्कर लगाए ऊपर से पैसा भी लेने के बाद काम नहीं होता है ज्यादा कुछ करो या कहो तो कहते हैं कि जाओ जिस से करवाना है उससे करवा लेना अपना काम हम लोग इतना पढ़े-लिखे भी नहीं है अगर पढ़े लिखे होते तो चक्कर ही क्यों काटते बार-बार और पैसा ही क्यों देते क्योंकि हम लोगों को यह पता नहीं कि शासन की योजना में पैसा भी लगता है या फिर फ्री में योजना का लाभ मिलता है मजदूरी कार्ड में बीपीएल कार्ड में शौचालय आवास में सभी में बिना पैसे दिए काम नहीं किया जाता जो पैसा दे देता है चाहे वह पात्र हो चाहे ना हो उसका काम पहले किया जाता है और जो सालों से चक्कर लगा रहे हैं वह आज भी चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनका काम नहीं किया जा रहा यहां तक की कुछ लोगों की तो शौचालय की रसीद और पैसा भी जमा कर लिया गया मगर आज दिनांक तक उनको शौचालय की नाही राशि दी गई और नाही उनका शौचालय बनवाया गया लोगों का कहना है कि अगर इसकी शिकायत भी करते हैं तो और भी काम नहीं करते जिनके पास पहले से पक्के मकान हैं उनके आवास बना दिए गए हैं पास कर दिए गए और जो वास्तविक मजदूर है वह आज भी चक्कर लगा रहा है सर्वे सूची में उसका नाम नहीं है आखिर यह कैसा सर्वे और कैसी सूची कि जिनके लिए शासन की योजनाओं का लाभ मिलना है उनका सर्वे सूची लिस्ट में नाम ही नहीं आखिर क्यों किसकी गलती के कारण जो यह दलाली हो रही है कौन करवा रहा है किस-किस है पर यह दलाल सक्रिय हैं और गरीब मजदूरों से क्यों पैसा लिया जा रहा आखिर कब यह सिस्टम भ्रष्टाचारी लेनदेन कब बंद होगा कौन करवाएगा इस सिस्टम को बंद कब मिलेगा अंतिम छोड़ के व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ अभी और कब तक लगाने पड़ेंगे नगरपालिका के चक्कर इन गरीब मजदूरों को कौन आकर करेगा पात्र और अपात्र की पहचान कब होगा इनके लिए सर्वे और कब तक इनको मिलेगा योजनाओं का लाभ अभी और कितने चक्कर काटने पड़ेंगे नगरपालिका के योजनाओं के लाभ पाने के लिए सवाल यह नहीं की पात्र को अपात्र बना दिया जाता है पैसा देकर सवाल यह है कि यह कैसी नगरपालिका है की इन गरीबों की हालत पर नजर नहीं पड़ रही कर्मचारी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं कह सकते हैं कि नगर पालिका में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा हाल चल रहा है

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