17 कोरोना पाॅजेटिव मामलों में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों का संक्रमित पाया जाना चिंताजनक है और जिले के लिए “रेड सिंग्नल“। सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए कि अपने-अपने कार्यालयों में अनिवार्य रूप से “कोरोना हैल्प डेस्क“ स्थापित करते हुए पल्स, टेम्प्रेचर मापक यंत्रों की उपलब्धता करें सुनिश्चित -जिलाधिकारी रमाकांत पाण्डे
बिजनौर। जिलाधिकारी रमाकान्त पाण्डेय ने कहा कि कल 17 कोरोना पाॅजेटिव मामलों में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों का संक्रमित पाया जाना चिंताजनक है और जिले के लिए “रेड सिंग्नल“ है, क्योंकि कोरोना के विरूद्व लड़ाई में विशेष रूप से इन्हीं दोनों विभागों का विशेष योगदान रहता है। उन्होंने सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए कि अपने-अपने कार्यालयों में अनिवार्य रूप से “कोरोना हैल्प डेस्क“ स्थापित करना सुनिश्चित करें। जहां पल्स, टेम्प्रेचर मापक यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कार्यालय में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा फेस मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना सुनिश्चित कराएं तथा कार्यालय के प्रवेश द्वार पर साबुन, पानी और सेनेटाइजर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए दफ्तर में प्रवेश से पूर्व साबुन से हाथ धोना या सेनेटाईजर का उपयोजना अनिवार्य रूप से कराएं।
जिलाधिकरी श्री पाण्डेय कलक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ होनेे वाली नियमित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिले में एक साथ कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का पाया जाना जिले के लिए रेड सिग्नल है, जिसको दृष्टिगत रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा एवं सजगता की जरूरत है। उन्होंने संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में कोरोना टैस्ट की सैम्पलिंग के कार्य में वृद्वि और तेजी लाई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो लोग कोरोना पाॅजिटिव पाए जाएं, उनके लिंक की विस्तृत रूप से जांच कर उनका चिन्हिकरण कराएं और उनको क्वारंटाइन करते हुए प्राथमिकता के आधार पर जांच कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाॅटस्पाॅट ऐरियों में विशेष रूप से सतर्कता बढ़ाएं और वहां के लोगों को निर्देशित करें कि शासन द्वारा निर्गत गाईड लाईन का पालन करें, ताकि वें स्वयं और आसपास के लोग कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रह सकें।
उन्होेंने यह कहा कि जिला अस्पताल में वैन्टिलेटर सुविधा को 24 घंटे क्रियाशील रखें, ताकि आवश्कयता पड़ने पर मरीज को उसमें भर्ती कर तत्काल उसका उपचार किया जा सके। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी सेवा भी हर समय क्रियाशील रखने की व्यवस्था करें और इस तरह प्लान करें कि सर्जन और रोग विशेषज्ञ अन्डर यूटिलाईज्ड न रहने पाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन का नियमित रूप से प्रयोग किया जाए और कोई भी संदिग्ध मरीज ट्रू नेट मशीन की जांच के बिना भर्ती न किया जाए। उन्होंने पुनः निर्देश दिए कि वर्तमान हालात में विशेष रूप से अतिरिक्त सुरक्षा, सजगता और सर्तकता की आवश्यकता है। अतः सभी अधिकारी एवं कर्मचारी पूरी सावधानी के साथ कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सभी आवश्यक उपायों का प्रयोग करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनोद कुमार गौड़, न्यायिक डा. नितिन मदान, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डा. अनिल कुमार, नोडल अधिकारी कोरोना डा. एस के निगम, जिला अस्पताल पुरूष के मुख्य चिकित्साधीक्षक सहित अन्य संबंधित स्वास्य अधिकारी मौजूद रहे।