विधवा महिला आठ साल से लगा रही दफ्तरों के चक्कर,नही मिली पेंशन और अनुकम्पा नियुक्ति,अजयगढ़ से संवाद न्यूज ब्यूरो जयराम पाठक की रिर्पोट

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भापतपुर कुर्मियान -अजयगढ विकासखंड के ग्राम पंचायत भापतपुर कुर्मियान मे असहाय,भूमिहीन विधवा महिला ईदुननिशा पति स्वर्गीय मकबूल खान वर्षो से पेंशन या अनुकम्पा नियुक्ति दिलाये जाने की मांग करती हुई दफ्तर दफ्तर भटक रही है।विधवा का पति बनहरी कलाॅ संकुल के शासकीय प्राथमिक विद्यालय पथरियान मे सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ था।जिसकी सेवाकाल के दौरान 21मई 2011को असामयिक मृत्यु हो गयी थी।और पत्नी ईदुननिशा अपने एक पुत्र तथा दो पुत्रियों के साथ बेसहारा हो गयी थी।तब से आज तक महिला ने अनुकम्पा नियुक्ति ओर पेंशन दिलाने जाने हेतु अनेक बार अनेक दफ्तरों मे आवेदन दिया।लेकिन आज तक उसे कोई राहत विभाग व शासन-प्रशासन द्वारा नही दी गयी।हालांकि कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना के पत्र क्रमांक अनुकम्पा नियुक्ति/2012/608दिनांक 04/02/2012मे लेख किया गया था कि अनुकम्पा नियुक्ति हेतु प्रेषित आवेदन मे कुछ दस्तावेज कम हैंं, उनकी पूर्ति कर प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भेजे जिससे अनुकम्पा नियुक्ति हेतु कार्यवाही की जा सके।उस समय मांगे गए दस्तावेज महिला समय पर प्रस्तुत नही कर सकी।जिससे अनुकम्पा नियुक्ति की कार्यवाही अधर मे लटक कर रह गयी। 
महिला ने दस्तावेज पूर्ति हेतु स्वयं कक्षा आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा पुत्र पुत्रियों को बारहवीं तक शिक्षा दिलायी। जब सभी मांगेे गये दस्तावेज के साथ महिला ने  पेंशन या अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया तो आवेदन ही नही लिया गया।तब महिला ने जन सुनवाई पन्ना मे कलेक्टर को आवेदन देना चाहा तो वहाँ उपस्थित कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि लड़के या लड़की को डीएड कराओ।महिला का कहना है कि भृत्य के पद के लिए डीएड की जरूरत नही होती है, मुझे भृत्य के पद पर ही अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए।जिससे मेरे परिवार का भरण-पोषण हो सके।
महिला का कहना है कि बडी मशक्कत से मै दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर पाती हूँ, ऐसी गरीबी की दयनीय स्थिति मे बच्चों को कैसे डीएड कराऊ।फिर घर पर शादी लायक दो लडकियां भी है। उनकी शादी का प्रबंध कैसे  करू ? मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रही हूँ।
मैंने बहुत गरीबी झेली तथा संघर्ष किया।अब नही झेल सकती हू।शासन-प्रशासन एवं विभाग से परिवार के किसी भी सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति या मुझे पेंशन दिलायी जाए। अन्यथा इस स्थिति मे मै कोई भी आत्मघाती कदम उठाती हू तो सरकार जिम्मेदार होगी।

जयराम पाठक, ब्यूरो संवाद न्यूज अजयगढ़

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