कलेक्टर साहब तक के फोन को नजर अंदाज करते हैं आरटीओ गुप्ता
आरटीओ तो कलेक्टर से भी उपर हो गये है, वे इस जिले में बोझ बन चुके
झाबुआ। विधायक कांतिलाल भूरिया के निशाने पर सार्वजनिक तौर पर जिला परिवहन अधिकारी राजेष गुप्ता भी आज आगये। बरसों से झाबुआ में जमे तथा आलीराजपुर जिले का अतिरिक्त प्रभार वाले, आरटीओ राजेश गुप्ता जो पूरी तरह अपने विश्वस्त दलाल उर्फ बिचौलिये के माध्यम से आरटीओ आफीस को धडल्ले से बेहिचक चला रहे है, को लेकर सोमवार को यातायात पार्क में प्रारंभ हुए यातायात सप्ताह के समारोह में कांतिलाल भूरिया ने ऐसी सार्वजनिक लू उतारी कि जहां पूरा पांडाल भूरिया के भाषण पर तालियां बजा कर समर्थन करता दिखाई दिया। झाबुआ आरटीओ की हालत ऐसी हो गई कि उन्हे कुछ कहते भी नही बना और ना ही इसका प्रतिकार किया। भूरिया ने आरटीओ की और मुखातिब होते हुए कहा कि आरटीओ किसी के फौन को उठाते ही नही है, और तो और कलेक्टर साहब तक के फोन को भी पूरी तरह नजर अंदाज करते है। उन्होने स्वयं ही कई बार आरटीओ को फोन लगाया किन्तु नही उठाया, मेरे साथियों ने मुझे बताया कि आप उनके दलाल को फोन लगाओं तो आरटीओ साहब की लोकेशन मालुम पड जायेगी और हुआ भी यही। उन्होने समारोह में सार्वजनिक रूप से आरटीओ को चेतावनी भरे षब्दो में दी। कि वे अपने मोबाईल नम्बर मीडिया सहित सभी के लिये सार्वजनिक करें। ताकि गरीब लोगों एवं जरूरत मंदों द्वारा उनसे सपर्क किया जासके। अब आरटीओ फोन नही उठाते है तो मुझे अवगत करावें मैं अब यहां नही उपर भोपाल बात करूंगा तथा इनके कारनामों के बारे में प्रदेश सरकार को बताउंगा। कांतिलाल भूरिया का कहना था कि आरटीओ तो कलेक्टर से भी उपर हो गये है, वे इस जिले में बोझ बन चुके है। कांतिलाल भूरिया ने आरटीओ गुप्ता को खरी खरी सुनाने में कोई कसर बाकी नही रखी।
प्रशासनिक तौर पर कदम नही उठाया, जिससे आरटीओ के होंसले बुलंद होते गये
आरटीओ राजेश गुप्ता के बारे में पूर्व में कई बार समाचार पत्रों में इनके कारनामों को लेकर सूर्खियों में बने रहे है, इसके बाद भी प्रशासनिक तौर पर कोई कदम नही उठाया गया जिससे आरटीओ के होंसले दिनों दिन बुलंद होते गये। वही दलाल के माध्यम से आफीस चलाने वालें आरटीओं के दलाल की आर्थिक स्थिति में तेजी से इजाफा हुआ है तो फिर स्वाभाविक है कि आरटीओ की आर्थिक स्थिति का ग्राफ कितना अधिक बढा होगा। यदि प्रदेश सरकार एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि इसकी जांच करवायेगें तो इनके व दलाल के कारनामें जग जाहिर हो सकते है। ऐसे में झाबुआ विधायक का सार्वजनिक बयान देना कई सवालिया निशान खडा कर रहा है और चर्चा तो यहां तक है कि यदि अनुकुलता नही रही तो आरटीओ की बिदाई झाबुआ आलीराजपुर से तय तो नही है ?