सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन बाल व्यास पं.सुशील कुमार त्रिपाठी जी महाराज द्वारा भगवान कृष्ण के सोलह हजार एक सौ आठ विवाहों की कथा, प्रद्युम्न जन्म कथा, राजा नृग के उद्धार की कथा,सुदामा चरित्र की कथा का विस्तार से मार्मिक वर्णन किया गया।
दत्तात्रेय के चौबीस गुरूओं की कथा, शुकदेवजीकी विदाई और राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा कहते हुए प्रसंग को विश्राम दिया गया।
मानस झाँकी कला केन्द्र कालिंजर धाम के द्वारा कु.रूचि सेन को कृष्ण , कु.प्रीति पटेल को राधा ,कु.दीक्षा लखेरा को रुक्मणी तथा अवधेश कुमार त्रिपाठी को सुदामा बनाकर सुन्दर झाँकी प्रस्तुत की गयी।
कल प्रातः पांच बजे से सुबह दस बजे तक हवन यज्ञ पूजन एवं इसके बाद कन्या भोज एवं प्रसाद वितरण होगा।