हक लेकर रहेंगे क्यों न समाज के लिए कुर्वानी देनी पड़े -दिनेश सिंह ओबीसी

मप्र सरकार ने ओबीसी को तीन बार 27 प्रतिशत हक दिया लेकिन तीनो बार किसी न किसी स्वर्ण समाज के ब्यक्ति ने कोर्ट में केस लगाया और हमारी हकमारी की कोशिश की।जो हमारे पूरे ओबीसी समाज के साथ धोखा है जिस प्रकार से सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण में ओबीसी, एसटी और एससी समाज का कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ नही बोला उसी प्रकार हमारे हक अधिकार के खिलाफ नही बोलाना चाहिए ओबीसी महासभा के प्रदेश सयोजक दिनेश सिंह ओबीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर बार सुप्रीम कोर्ट में 50 प्रतिशत की सीलिंग की बात कही गई जबकि तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र में पहले से ही 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण दिया हुआ है। और अभी हाल ही सवर्णो को दिए 10 प्रतिशत आरक्षण से भी 50 प्रतिशत की सीलिंग टूट चुकी हैं।
जब की सुप्रीम कोर्ट में 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण के खिलाफ लेफ्ट ने याचिका दायर की तो वहाँ के जजो ने सुनवाई से ही इनकार कर दिया और याचिका पहली ही सुनवाई में खारिज कर दी। जबकि मप्र में ओबीसी की संख्या 65 प्रतिशत से भी ज्यादा है लेकिन हाल ही में मप्र की सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत हक दिया उसमे भी सवर्ण समाज के कुछ लोगो ने ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ लगातार तीसरी बार याचिका दायर की और कोर्ट ने भी आँख बंद कर सरकार को नोटिश दे दिया है जो पूर्णतः ओबीसी समाज के बच्चो के साथ घोर अन्याय है लेकिन हम अपने हक अधिकार के लिए सतत संघर्ष करेंगे और जब तक हमारा हक पूर्ण रूप से नही मिल जाता उसके लिये चाहे हमे आपनी जान की कुर्बानी ही क्यों न देना पड़े अपना हक अधिकार ले कर ही रहेंगे




































