देवततालाब शिवमंदिर परिसर में व्याप्त गंदगी और कचरे से फैल रही बीमारियां,संवाद न्यूज उपसम्पादक श्रीमती निर्मला कुसमाकर की विशेष रिपोर्ट

देवततालाब शिवमंदिर परिसर में व्याप्त गंदगी और कचरे से फैल रही बीमारियां,संवाद न्यूज उपसम्पादक श्रीमती निर्मला कुसमाकर की विशेष रिपोर्ट प्रशासन की अनदेखी के चलते श्रद्धालु होते हैं परेशान देवततालाब - विन्ध्य का ऐतिहासिक र्तीथ स्थल देवततालाब सैदव से ही प्रशासनिक एवं राजनैतिक उपेक्षा का शिकार रहा है । जबकि सर्व विदित है देवततालाब स्थिति पावन शिवालय अत्यंत प्राचीन एवं धार्मिक आस्था का केन्द्र है जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या मे श्रद्धालु यहां आ कर भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं । इतना ही नहीं पावन धाम देवततालाब के शिवमंदिर के बिषय मे बताया जाता है कि यह मंदिर देव शिल्पी विश्वकर्मा द्वारा एक रात में बनाया गया है । उक्त सम्बंध में जन श्रुति से जो कहानी सामने आती है उसके अनुसार श्रृंगी ऋषि ने यहाँ तप किया था जिससे भगवान शिव ने उन्हें साक्षात दर्शन दिऐ तब श्रृंगी ऋषि ने लोक कल्याण के लिए यहाँ भगवान शिव के विराजित होने का वरदान मांग था और उसी समय भगवान शिव के निर्देश पर देव शिल्पी विश्वकर्मा ने एक रात में ही इस मंदिर का निर्माण किया था एवं मंदिर में विराजमान शिवलिंग भी उसी दौरान का है । मंदिर के प्रचीन होने के कई और भी तथ्य यहां मौजूद हैं जिन्हें देखकर इस पावन शिवालय के धार्मिक महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ इस.बात की गवाह है कि देश के अन्य र्तीथ स्थलों की अपेक्षा देवततालाब का पावन शिवमंदिर कहीं भी कम नहीं है । फिर भी आज तक उक्त मंदिर की व्यवस्था मे शासन-प्रशासन की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस पावन स्थल को नजर अंदाज किऐ जाने का ही नतीजा है कि इस पावन शिवालय परिसर में न तो यात्रियों के ठहरने की कोई व्यवस्था है और न ही बिजली,पानी की माकूल व्यवस्था है । प्रशासन के द्वारा कोरम पूर्ति के लिए प्रबंध समिति का गठन किया गया है जिसमे अध्यक्ष एसडीएम व सचिव नायब तहसीलदार हैं एवं पूरी जिम्मेदारी हल्का पटवारी के आधीन रहती है, जबकि मंदिर की व्यवस्था के लिए कोई भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है जिससे यहां हर समय अव्यवस्था और अराजकता अपने चरम पर देखी जा सकती है इतना ही नहीं शाम होते ही शिवकुंण्ड परिसर में कोरेक्सियों व असमाजिक तत्वों का साम्राज्य रहता है । रात में यहां ठहरने वाले यात्रियों के साथ हमेशा चोरी व लूटपाट होती रहती है परन्तु प्रशासन द्वारा यहां की सुरक्षा एवं व्यवस्था के बिषय मे कोई गम्भीरता नहीं दिखाई दे रही है । सावन मेले से जमा है कचरे और गंदगी का अम्बार मंदिर परिसर एवं शिवकुंण्ड परिसर में सावन मेले से अभी तक कचरे और गंदगी का अम्बार एकत्र है जिसे साफ नहीं कराया गया है । विदित हो कि सावन मेले में शिवकुंण्ड परिसर में नायब तहसीलदार द्वारा तीन-तीन हजार रुपये ले कर दुकानें लगवाई गई थी तब से शिवकुंण्ड परिसर मे दूकानों का लगना जारी है । साथ ही मंदिर के आसपास एवं शिवकुंण्ड परिसर में भारी मात्रा में कचरा व गंदगी एकत्र हो जाने के कारण जहाँ एक ओर दुर्गंध ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर जमा कचरे से संक्रामक बिमारियों के फैलने की भी सम्भावनाएं बढ़ती जा रही हैं । गौर तलब है कि सरकारों द्वारा स्वच्छता एवं स्वास्थ्य अभियान में अरबों रुपए व्यय किया जा कर तमाम जागरूकता का ढोल पीटा जा रहा है परन्तु देवततालाब जैसे दार्शनिक स्थल के हालात सरकारों के इन अभियानों की सच्चाई बयान कर रहे है । इंतजार करना पड़ेगा कि आखिर कब जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियो और प्रशासनिक अधिकारियों का जमीर जागेगा और पावन धाम देवततालाब के पावन शिवालय परिसर में भी सरकार के स्वच्छता अभियान की किरंण पहुचेगी साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक आस्था के अनुरूप सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा ।

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