रीवा – मध्यप्रदेश में ओबीसी समाज की दुर्दशा को लेकर ओबीसी महासभा के प्रदेश संयोजक “दिनेश सिंह ओबीसी” ने ओबीसी समाज की चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने वचनपत्र में किए गए वादे 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण भूल गई है उन्होंने कहा कि 8 प्रतिशत सवर्णों को 10 प्रतिशतआरक्षण एक ही दिन में दे दिया गया,देश की जनता प्रसन्न- खूब फटाके फोड़े, किसी को कोई आपत्ति नही, लेक़िन देखो मेरे 54 प्रतिशत आबादी वाले पिछड़े वर्ग के भाइयों आपके आधे से भी कम 27 प्रतिशत आरक्षण और अन्य बाजिब हक अधिकारों के खिलाफ हमारे 8%सवर्ण भाई लोग ,एक साल से हाहाकार मचाए हुए है और,ओबीसी 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ रोज हाईकोर्ट में स्टे पर स्टे लगा रहे है ,क्यों ?”कांग्रेस-भाजपा” का आपसी “सामंजस्य” देखो,एक भी कार्यकर्ता या नेता ,54 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के पक्ष में बोलने नहीं आया ? मेरे भाइयों एक भी नेता का 54 प्रतिशत के पक्ष में बयान आया हो तो बताना? आजादी के 70 वर्ष बाद भी म.प्र. के 54 प्रतिशत आवादी वाले पिछड़े वर्ग के हक अधिकारों पर डाका डालकर, एक विशेष बर्ग के लोग खा रहे है,और ओबीसी वर्ग गली -गली की ठोकरें खा रहा है सबसे मजे की बात “कांग्रेस-भाजपा” पार्टियों के हमारे पिछड़े वर्ग के”पक्ष-बिपक्ष” के कोई भी नेता, कार्यकर्ता, संसद, बिधायक सभी के मुँह में दही जम गया है कोई एक भी अपने 54 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के पक्ष में मुँह खोलने को तैयार नही क्यों ये हमारे 54 प्रतिशत ओबीसी के लोग “काँग्रेस-भाजपा” की गुलामी कर रहे है क्या 54 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के लोगों से बल ,बुद्धि, बिबेक, सामर्थ्य में कोई आगे नही निकल सकता-लेकिन आजादी के बाद से हुए हजारो “व्यापमं जैसे घोटालों”(द्रोणाचार्यो )ने पिछड़े वर्ग का अंगूठा काट लिया और एक विशेष बर्ग के लाखों नालायक लोगो को अच्छी-अच्छी नौकरिया मिल गई और पिछड़े वर्ग का कोई बोलने, कहने,सुनने वाला नहीं था,नही है-इसी लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है और ओबीसी समाज के लोग दरी फट्टी उठा रहा हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए हम हर संभव प्रयास करेगें, आखिरी दम तक लड़ेगे । अब ओबीसी जागरूक हो रहा है और ओबीसी समाज के लोग आने वाले समय में अपनी भागेदारी छीन लेंगे।
आजादी के 70 साल बाद भी राजनीतिक पार्टियों का गुलाम बना ओबीसी समाज – दिनेश ओबीसी
संकलन :- कमलेश कुशवाहा, एमडी संवाद न्यूज