डोलग्यारस पर प्रतीकात्मक निकला डोल,किया परंपरा का निर्वहन, संवाद न्यूज ब्यूरो माणकलाल जैन की रिपोर्ट

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थांदला निप्रo देव झुलनी एकादशी डोलग्यारस के अवसर पर स्थानीय श्री हनुमान अष्ट मंदिर भक्त मलूक दास की बावड़ी मंदिर परिसर में भगवान को सुसज्जित झूले में विराजमान कर घंटा शंख घड़ियाल की धुन के साथ भ्रमण कराया गया वहीं स्थानीय श्री बांके बिहारी मंदिर व शांति आश्रम से भगवान को भक्त पुजारी द्वारा अपने हाथों में विराजमान कर भ्रमण कराते हुए स्थानीय गणेश मंदिर पहुंचे जहां पर स्थित प्राचीन कुएं एवं बावड़ी के जल से भगवान का अभिषेक कर आरती की गई l
इस अवसर पर बावड़ी मंदिर परिसर में पंडित विनोद शास्त्री भागवत आचार्य पंडित दिनेश ,महंत नारायण दास जी महाराज ,न्यास अध्यक्ष अशोक अरोरा, ओसिया भगत द्वारा भगवान को भ्रमण कराया गया तो वही बांके बिहारी मंदिर से विनोद नागर, गोपाल नागर ,दिनेश नागर द्वारा भगवान को भ्रमण करवा कर ढोल ग्यारस की परंपरा का निर्वहन किया गया प्रतिवर्ष निकलने वाले ढोल को इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार सभी मंदिर के पुजारी भक्तों द्वारा प्रतीकात्मक रूप निकाला गया डोल ग्यारस के अवसर पर श्रद्धालु भक्तगण अपने घर आंगन में भगवान के आगमन की प्रतीक्षा में देर शाम तक बैठे रहे जिन्हें निराशा हाथ लगी l

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