25 विद्यालयों में लगेंगी सैनिटाइजर वेंडिंग मशीन व सैनिटाइजेशन बॉक्स
नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने अपनी निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के अंतर्गत छात्राओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने एवं स्वच्छता की अपनी मुहिम को आगे बढाते हुए एक सार्थक कदम उठाया है।
एनसीएल ने सिंगरौली और सोनभद्र जिलों के 25 शासकीय विद्यालयों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवाने का निर्णय लिया है । साथ ही, कोविड-19 के अप्रसार व रोकथाम हेतु 25 विद्यालयों में सैनिटाइजर वेंडिंग मशीन व सैनिटाइजेशन बॉक्स भी लगवाए जाएंगे ।
इन योजना के क्रियान्वयन हेतु एनसीएल ने गुरुवार को भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) श्री बिमलेन्दु कुमार की उपस्थिति में एनसीएल की ओर से महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री आत्मेश्वर पाठक और एचएलएल की ओर से श्री सुरेश बाबू पी॰ एम॰ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली भारत सरकार की एक सार्वजनिक उपक्रम कंपनी है ।
एमओयू के तहत एनसीएल द्वारा सिंगरौली एवं सोनभद्र जिलों के 25 शासकीय विद्यालयों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनों के जरिए छात्राओं को आगामी 03 वर्षों तक निःशुल्क सैनिटरी पैड उपलब्ध कराये जाएंगे ।
इस्तेमाल के बाद सैनिटेरी पैड के समुचित एवं सुरक्षित निस्तारण के लिए सभी 25 शासकीय विद्यालयों में इन्सिंनेरेटर भी लगाया जाएगा | इस योजना से 5000 से अधिक छात्ट्राएन लाभान्वित होंगी |
इस योजना के अंतर्गत स्कूलों में छात्राओं को स्वच्छता टॉक के माध्यम से स्वच्छता व स्वस्थ्य संबंधी सलाह व सही जानकारी भी उपलब्ध कारवाई जाएगी, जिससे उन्हें अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बेहतर बनाने में लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में कोविड-19 की रोकथाम व इससे बचने के लिए एनसीएल ने 25 विद्यालयों में सैनिटाइजर वेंडिंग मशीन व सैनिटाइजेशन बॉक्स लगवाने के क्रियान्वयन के लिए भी एमओयू किया । सैनिटाइजर वेंडिंग मशीन में 1 साल के सैनिटाइजर की व्यवस्था का भी प्रावधान है। सैनिटाइजेशन बॉक्स से स्कूली बच्चे अपने विभिन्न सामानों को सैनिटाइज कर सकेंगे।
गौरतलब है कि एनसीएल द्वारा सिंगरौली एवं सोनभद्र जिले में पहले भी इसी प्रकार की 25 सैनिटेरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई जा चुकी हैं जिनका लाभ शासकीय विद्यालय की छात्राएं ले रहीं है ।