कागजों में सिमट के रह गई शासन की स्वच्छ भारत मिशन की योजना, पन्ना से संवाद न्यूज सिटी ब्यूरो सचिन खरे की रिपोर्ट

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पन्ना।जहां पर एक तरफ सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाये जनता की सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं। और बनाई गई हैं।
उन्हें योजना के अंतर्गत सरकार ने स्वच्छता मिशन स्वच्छता अभियान जैसे कार्यक्रम चालू किए और जो गरीब मजदूर है जो सक्षम नहीं अपने घर में पक्की लैट्रिन बनवाने में और उनकी बहू बेटियां शौच के लिये बाहर जो जाती हैं कई बार ऐसा हुआ है कि शौच क्रिया के द्वारा देश में कई ऐसी घटनाएं साल में लगभग पूरे देश में हजार की संख्या में बहू बेटियों के साथ शौच क्रिया में छेड़खानी बलात्कार आदि जैसी घटनाएं हो रही है।
कहीं ना कहीं इस घटना का संबंध घर में शौचालय ना होने के कारण और गरीबी होने से यह घटनाएं आए दिन सुनने में मिल रही हैं।
वहीं मध्य प्रदेश के पिछड़ा जिला कहे जाने वाले जहां पर हीरा निकलता है मंदिरों की नगरी कहते हैं पन्ना जिले में भी शासन की इस योजना का लाभ तस्वीरों में आप देख सकते हैं किस-किस तरीके से पन्ना जिले को ओडीएफ का खिताब सरकार द्वारा दिया गया है। मगर वहीं पर अगर जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो कुछ और है।
क्योंकि शासन ने सबसे पहले जो गरीब हैं उनका सर्वे कराकर और जो बीपीएल कार्ड धारी हैं ऐसे लोगों को चिन्हित किया गांव, शहर, वार्ड, मोहल्ला सभी जगह नगर पालिका द्वारा सर्वे करके और ग्राम पंचायत स्तर पर भी सर्वे किया गया। और जो पात्र सूची में आते हैं उन लोगों को शौचालय बनवाने के लिए शासन ने एक निश्चित राशि तय की थी जो कि हितग्राही के खाते में आनी थी। ₹12000 पंचायत स्तर पर और शहरी क्षेत्र में भी गरीब बीपीएल धारी लोगों को इस योजना का लाभ दिलाया जा रहा है। यह शौचालय जिले में जितने भी बने हैं उनकी स्थिति ऐसी है कि कुछ शौचालयों में लोगों ने लकड़ी कंडे भरकर रख दिए हैं। क्योंकि हितग्राही को खुद शौचालय बनाने को नहीं मिला लगभग सारे शौचालय ठेके पर बनाए गए हैं।
गुणवत्ता की बात की जाए तो किसी मैं वासवेसन नहीं, तो किसी ने दरवाजा नहीं, और तो हर किसी में सीट नहीं।
जब बिना पैर वाले मासूम बच्चा जो की भरी बरसात में शहर के अंदर रोड के किनारे शौच क्रिया को बैठा हुआ मिला जब उनके परिजन से पूछा गया तब उन्होंने बताया कि हमारे घर में शौचालय नहीं है। और यह दोनों पैरों से विकलांग है वास्तव में खुली सड़क पर पन्ना पहाड़ी खेरा रोड को देख लें आपको कतारें की कतारें सुबह से और शाम को रोड के किनारे शौच क्रिया को जाति दिख जाएंगी।
अगर इसी तरीके से सरकार के आला अधिकारी और जनप्रतिनिधि जनता के साथ ऐसे ही योजनाओ मैं भ्रष्टाचार लगातार करते रहेंगे तो वह दिन दूर नहीं कि शौच क्रिया करने गई लड़की के साथ दुराचार ना हो। कभी रेत माफियाओं की खबरों के माध्यम से अवैध उत्खनन पत्थर की खबरों में, तो कभी अस्पताल की व्यवस्था को लेकर, आखिर जो बलात्कार और अपहरण की घटनाएं जिले में हो रही हैं जिनमें कुछ घटनाएं सोच क्रिया के दौरान हो रही हैं। कौन है इन घटनाओं का जिम्मेदार जबाबदार सरकार या उनके कर्मचारी या फिर वह भ्रष्ट ठेकेदार जिनके कारण मामा की भाइयों की आबरू आए दिन शौच क्रिया को जाने से लूटी जा रही है एक तरफ तो प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जी का कहना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी को आगे बढ़ाओ अब बेटियां नहीं रहेंगी मां बाप पर निर्भर वह भी लड़कों से कंधों से कंधे मिलाकर चलेंगी वहीं दूसरी तरफ कन्यादान योजना तो फिर जब इतनी सारी योजनाएं चल रही है तो फिर इन पात्र सूची में नाम आने वाले गरीबों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शासन की योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल रहा कौन है इनका जवाबदार कौन है दोषी आखिर कब खुले में शौच को बंद किया जाएगा तब वास्तविक हकीकत में पन्ना ओडीएफ घोषित होगा।
और शौचालय बनवाने को 400 किसी को 500 ईट शौचालय निर्माण को दी गई निर्माण मटेरियल में भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
अभी भी कुछ ऐसी जगहों पर शहरी और ग्रामीण है जहां पर अभी भी आधे अधूरे शौचालय बने हुए हैं बरसों से और लोग बाहर शौच क्रिया को जा रहे हैं।

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