सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी पर खरीद करने के लिए विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाए सरकार
किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव राजेश बैरागी ने बताया कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आव्हान पर देश के 250 किसान संगठनों के द्वारा आज 14 अक्टूबर 20 को एमएसपी अधिकार दिवस देश भर में आयोजित किया गया है। इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव राजेश वैरागी व जिलाध्यक्ष गोपाल डामोर के नेतृत्व में किसान मंडी प्रांगण पहुंचे तथा अध्यादेश की प्रतियां जलाई व मंडी सचिव को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि गई कि किसान संगठनों को एमएसपी अधिकार दिवस आयोजित करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी है। क्योंकि जिन कृषि उत्पादों का एमएसपी सरकार द्वारा घोषित किया गया है उन कृषि उत्पादों की एमएसपी पर मंडी में खरीद नही होने के चलते किसानों को मजबूरी में बहुत कम दाम पर कृषि उत्पाद बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
ज्ञापन में किसान संघर्ष समिति ने मांग की है कि सोयाबीन 5 हजार रुपए एमएसपी का मूल्य निर्धारित किया जाए। वहीं मध्य प्रदेश में सोयाबीन का सर्वाधिक उत्पादन होता है। सोयाबीन की एमएसपी 3880 रूपये होने के बावजूद व्यापारियों द्वारा 3000 से 3500 रूपये के रेट पर खरीदी की जा रही है। जिससे किसानों को 880 से 380 रूपये प्रति क्विंटल नुकसान हो रहा है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन का कुल उत्पादन 115 लाख टन होता है। इसका अर्थ यह है कि किसानों को केवल सोयाबीन की फसल पर अरबों रूपये का नुकसान हो रहा है। इस समय गेहूं 1925 रुपये समर्थन मूल्य पर बिकने की जगह 1400 से 1500 रुपये क्विंटल बिक रहा है। किसानों के लिए यह भयावह स्थिति है क्योंकि आपकी सरकार द्वारा डीजल के दाम बढ़ा दिए जाने, महंगाई बढऩे तथा प्राकृतिक आपदा में खेती नष्ट होने के चलते किसानों की आर्थिक हालत चरमरा गई है।
आमदनी दुगनी होनी की जगह आधी होने की स्थिति बन रही है ।
यह हालत उन कृषि उत्पादों की है जिनकी एमएसपी जारी की गई है। किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति फल, सब्जी सहित सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने तथा एमएसपी के नीचे खरीद करने वाले व्यापारियों पर मुकदमा दर्ज कर जुर्माना लगाने एवं जेल भेजने की कार्यवाही की मांग करती रही है।
आपकी सरकार द्वारा किसान, किसानी और गांव खत्म करने एवं कृषि क्षेत्र को कारपोरेट के हवाले करने के लिए तीन किसान विरोधी बिल लाए गए हैं। जिसका अध्यादेश लाने के बाद से ही देश के अधिकांश किसान संगठन विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे न केवल मंडी और एमएसपी व्यवस्था को खत्म करने की मंशा से लागू किये है । इसके साथ साथ तीनों कानून भारत के संविधान की धारा 14 /19 और 21 पर कुठाराघात करते हैं।
किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा विरोध स्वरूप 9 अगस्त से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत की गई है जो निरंतर जारी है। आपकी सरकार के द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि मंडी कायम रहेगी तथा एमएसपी जारी रहेगी लेकिन एमएसपी संबंधित किसी कानून के अभाव में किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रही है। इस कारण आज एमएसपी अधिकार कार्यक्रम देशभर में आयोजित किया गया हैं। हम एक देश मे सभी कृषि उत्पादों की घोषित एमएसपी पर खरीद चाहते हैं। इस अवसर पर
किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारीगण : नरेंद्र मुणिया, गणपति पाटीदार, गंगाराम पाटीदार, ओंकारलाल पाटीदार, हीरा नलवाला, बाबू हटीला, पन्नालाल पाटीदार, पन्नालाल उपसरपंच, रमेश भूरिया, नाथू कटारा, बाबूलाल चौहान, ईश्वर कटारा, मांगीलाल डामोर, रमेश प्रजापत आदि मौजूद थे।