खदानों का निरीक्षण व यूनिवर्सल ईक्विपमेंट सिमुलेटर का किया उद्घाटन
भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में सोमवार को खान सुरक्षा महानिदेशक, धनबाद श्री दिनेश कुमार साहू एवं अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री प्रभात कुमार सिन्हा ने जयंत व निगाही की खदानों का निरीक्षण किया ।
इस अवसर पर श्री आर के सिंह, डीडीएमएस (खनन), वाराणसी क्षेत्र, निदेशक (तकनीकी / परियोजना एवं योजना), एनसीएल डॉ. अनिंद्य सिन्हा, महाप्रबंधक (समन्वय) श्री एस.एस. सिन्हा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
खान सुरक्षा महानिदेशक ने निरीक्षण के दौरान खदानों का व्यू पॉइंट से अवलोकन किया, ड्रैगलाइन परिचालन को देखा तथा खदान के विभिन्न उत्पादन स्थल, सब स्टेशन, विश्राम स्थलों व उनकी सुविधाओं का जायजा लिया।
निगाही क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान खदान में कार्यरत कृष्णा ड्रैगलाइन में एकीकृत सीसीटीवी ड्रैगलाइन निगरानी प्रणाली का अनावरण किया गया। इस प्रणाली में ड्रैगलाइन के विभिन्न भागों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो मशीन के परिचालन व रख-रखाव के दौरान निगरानी में सहायक होंगे जिससे सुरक्षा एवं इससे जुड़ी गतिविधियों की गुणवत्ता में सुधार होगा ।
साथ ही, खदान सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई तथा खान सुरक्षा महानिदेशक ने आवश्यक सुरक्षा संबन्धित सभी मानको का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। सीएमडी एनसीएल ने ‘सुरक्षा प्रथम’ के प्रति एनसीएल की प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया ।
एनसीएल में यूनिवर्सल ईक्विपमेंट सिमुलेटर का हुआ उद्घाटन
एनसीएल में सोमवार को कंपनी मुख्यालय सिंगरौली स्थित केंद्रीय उत्खनन प्रशिक्षण संस्थान (सीईटीआई) में ‘यूनिवर्सल इक्विपमेंट सिम्युलेटर’ का उदघाटन खान सुरक्षा महानिदेशक, धनबाद श्री दिनेश कुमार साहू द्वारा किया गया। इस अवसर पर सीएमडी एनसीएल श्री पी. के. सिन्हा, श्री आर के सिंह, डीडीएमएस (खनन), वाराणसी क्षेत्र, निदेशक(कार्मिक) बिमलेंदु कुमार निदेशक (तकनीकी / परियोजना एवं योजना) डॉ. अनिंद्य सिन्हा एवं महाप्रबंधक (समन्वय) श्री एस.एस. सिन्हा उपस्थित रहे। यूनिवर्सल सिम्युलेटर के जरिये ऑपरेटरों को ड्रैगलाइन, शॉवेल एवं डोजर पर कार्य करने का आभासी प्रशिक्षण (virtual training) दिया जाता है ।
इस सिम्युलेटर को चलाते हुए ऑपरेटर ऐसा अनुभव करेंगे, मानो वास्तव में किसी कोयला खदान में डैगलाइन, शॉवेल या डोजर चला रहे हों। उन्हें अचानक बम्प, जर्क, फिसलन, कभी धूल का गुबार तो कभी बारिश में मशीन चलाने की अनुभूति सहित हर वह अनुभूति होगी, जो वास्तव में मशीन चलाते वक्त होती है। सिम्युलेटर के जरिये प्रशिक्षण का मकसद होता है ऑपरेटरों को यह बताना कि खदान में भारी मशीन (एचईएमएम) चलाते वक्त किस तरह की चुनौतियां सामने आती हैं और सुरक्षित रहने के लिए उनसे कैसे निपटा जाए।