चालू वित्तीय वर्ष में तेजी से लक्ष्य प्राप्त करने अग्रसर है एनसीएल-सीएमडी-सिन्हा, सिंगरौली से संवाद न्यूज ब्यूरो गोबिन्द राज की रिर्पोट

ब्रेंकिग न्यूज

0
91

चालू वित्त वर्ष के लक्ष्यों को पाने की दिशा में तेजी से अग्रसर एनसीएल

कंपनी मुख्यालय में बुधवार को मीडिया से मुखातिब हुए सीएमडी श्री पी.के. सिन्हा

भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री पी.के. सिन्हा ने कहा है कि विगत कई वित्तीय वर्षों में अपने सभी कोयला उत्पादन एवं प्रेषण (डिस्पैच) लक्ष्यों को हासिल करके लक्ष्य प्राप्ति के नए कीर्तिमान स्थापित करने के बाद चालू वित्त वर्ष (2019-20) में भी एनसीएल अपने 106.25 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं प्रेषण के लक्ष्यों को समय से पूरा कर की दिशा में तेजी से अग्रसर है। श्री सिन्हा बुधवार को एनसीएल मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब थे। इस अवसर पर उनके साथ कंपनी के निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पाण्डेय एवं निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) श्री एन.एन. ठाकुर भी उपस्थित थे। चालू वित्त वर्ष की अभी तक की कंपनी की उपलब्धियों एवं आगामी योजनाओं की तफसील से चर्चा करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि हालिया मानसून के दौरान हुई भारी के बावजूद एनसीएल ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक के अपने सभी लक्ष्य पूरे किए हैं और कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सिरमौर कंपनी बनी हुई है। उन्होंने विशेष रूप से जानकारी दी कि कंपनी के कोयला उत्पादन एवं प्रेषण में काफी बढ़ोतरी के परिपेक्ष्य में कंपनी द्वारा सड़क मार्ग से किए जा रहे कोयला परिवहन को कम करने का कंपनी का पूरा प्रयास है। साथ ही, उन्होंने कहा कि ब्लॉक-बी में नए सीएचपी के रेल से कनेक्ट होने, जयंत में 15 मिलियन टन एवं दुधीचुआ में 10 मिलियन टन के नए सीएचपी के निर्माण सहित रेलवे लाइन के दोहरीकरण एवं बिजलीकरण से आने वाले समय में रेल मार्ग से कोयला के परिवहन में बदोत्तरी होगी। श्री सिन्हा ने जानकारी दी कि एनसीएल सिंगरौली-सीधी, सिंगरौली-औड़ी एवं औड़ी-शक्तिनगर मार्गों के निर्माण से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में हरसंभव सहयोग दी रही है और इन मार्गों के त्वरित निर्माण हेतु हर सक्षम स्तर पर मजबूती से प्रयास कर रही है। निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पाण्डेय ने चालू वित्तीय वर्ष में एनसीएल की कोयला उत्पादन एवं प्रेषण से जुड़ी उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में 29 अक्टूबर तक एनसीएल ने 59.68 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है, जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में किए गए में 56.44 मिलियन टन कोयला उत्पादन से लगभग 6 प्रतिशत अधिक है। एनसीएल के कोयला उत्पादन में हुई इस बढ़ोत्तरी में कंपनी के दो कोयला क्षेत्रों- खड़िया और दुधीचुआ का विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने इस दौरान अपने कोयला उत्पादन में क्रमशः 23 प्रतिशत और 12 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है। श्री पाण्डेय ने कहा कि कोयला उत्पादन की तरह एनसीएल के कोयला प्रेषण में भी वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष में 29 अक्टूबर तक एनसीएल ने 59.94 मिलियन टन कोयला प्रेषण किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में किए गए 57.51 मिलियन टन कोयला प्रेषण से 4 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष में एनसीएल ने 29 अक्टूबर तक दिए गए 58.61 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं प्रेषण लक्ष्यों को भी हासिल कर लिया है। निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) श्री एन॰ एन॰ ठाकुर ने कंपनी की अन्य उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं पर मीडिया से व्यापक बातचीत की और बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी की सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों पर लगभग 92 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है, जो वित्त वर्ष 18-19 में किए गए खर्च से लगभग 25 प्रतिशत अधिक है। कंपनी अपनी सीएसआर योजना के तहत स्थानीय विकास कार्यों में भी अपनी मजबूत भागीदारी के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है। ट्रांसफॉर्म सिंगरौली मिशन के तहत सिंगरौली के जरूरतमंद गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने की कंपनी की कोशिश लगातार जारी है। साथ ही, उन्होंने कहा कि गत मई-जून में आयोजित हुए वार्षिक समर कैंप “आरोहण” ने इस वर्ष सफलता की नई कहानी लिखी, जिसमें एनसीएल कर्मियों एवं आस-पास के 19 वर्ष से कम उम्र के लगभग 2900 बच्चों ने खेल के अलावा संगीत, पत्रकारिता, फोटोग्राफी जैसी कई नई विधाओं का प्रशिक्षण लिया। कंपनी के मानव संसाधन को बढ़ाने की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एनसीएल ने हाल ही में 892 पदों की एक बड़ी भर्ती प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न की है तथा कंपनी जल्द ही बड़ी संख्या में और भी नई भर्ती करने जा रही है। लगभग ढाई हजार शिक्षुता प्रशिक्षुओं (अप्रेंटिशिप ट्रेनी) के नए बैच के लिए मेधा सूची जारी हुई। कंपनी में शिक्षुता प्रशिक्षण का यह एक ऐतिहासिक पड़ाव है, क्योंकि देश के गिने-चुने संस्थान ही एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शिक्षुता प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here