जिस पर लगे भ्र्ष्टाचार के आरोप उसी को फिर सौंप दिया पटेरा सीईओ का प्रभार,दमोह ग्रामीण जिला संवाददाता मोहन पटेल की रिपोर्ट

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पटेरा जनपद के प्रभारी सीईओ मानसिंग ने शासकीय राशि का किया था नियमविरुद्ध भुगतान

रोक लगी ढाई करोड़ की राशि का दो दिन में कर दिया था भुगतान

पटेरा- जनपद पंचायत पटेरा भ्रष्टाचार की गतिविधियों के चलते लगातार सुर्खियों में बनी हुई है जहां पटेरा जनपद पंचायत की कई ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के मामले आए दिन उजागर हो रहे हैं वहीं कुछ माह पूर्व जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ मानसिंह द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से पूर्व सीईओ के द्वारा रोक लगाई गई लगभग ढाई करोड़ की राशि का भुगतान किया गया था जिसमें उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे और उसके बाद आनन-फानन में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर उनको प्रभार से अलग भी कर दिया गया था लेकिन गत दिवस जारी हुए जिला पंचायत के आदेश में इन्हीं महोदय को फिर से जनपद पंचायत पटेरा का प्रभार सौंपा गया है । जबकि इनके द्वारा की गई अनियमितताओं में अभी जांच चल रही है । जनपद पंचायत पटेरा के प्रभारी सी ई ओ मानसिंह ठाकुर ने तत्कालीन सीईओ राजधार पटेल द्वारा रोक लगी राशि का भुगतान केवल दो ही दिन में कर दिया था। दरअसल जनपद पंचायत पटेरा में फर्जी तरीके से कराए गए कार्यों एवं वेंडरों के माध्यम से मनमानी दरें लगाकर भुगतान के लिए लंबित बिलों पर तत्कालीन सीईओ आरडी पटेल द्वारा रोक लगाई गई थी तथा इन मामलों पर कार्यवाही करते हुए वेंडरों से इस संबंध में दस्तावेज मांगे गए थे । इसके अलावा उनके द्वारा सभी निर्माण कार्यों का स्थल पर निरीक्षण करके जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाने के कारण सभी सचिवों सरपंचों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई थी । इन हालातों के चलते एक बड़े तबके द्वारा सीईओ का एकजुट होकर विरोध करना शुरू कर दिया था और जनपद स्तर पर भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भर रहे लोग भी परेशान दिखाई दे रही थे। वहीं इसके चलते वर्षों पुराने मामले में निलंबित किए गए तत्कालीन सीईओ राजभर पटेल के स्थान पर आए नए प्रभारी सीईओ मानसिंह ने प्रभार लेते ही महज दो दिन में करीब ढाई करोड़ की राशि का भुगतान करा दिया था जो आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ था। पटेरा जनपद पंचायत की ज्यादातर ग्राम पंचायतों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसके चलते उन पंचायतों का भुगतान रुका हुआ था और उसकी जांच के उपरांत ही भुगतान होना था जिस पर सी ई ओ राजधार पटेल ने रोक लगा रखी थी । ताकि शासकीय राशि का दुरुपयोग ना हो पर अपने साम-दाम-दंड-भेद से प्रभारी सी ई ओ मानसिंह ठाकुर द्वारा सब नियमों को दरकिनार कर इस राशि का भुगतान बिना जांच किए ही कर दिया गया और ना ही किसी पंचायत का निरीक्षण किया गया ना ही किए गए कार्यों का बारीकी से मूल्यांकन कराया गया । गौर से देखा जाए तो यह शासकीय राशि का दुरुपयोग नजर आता है। जिला पंचायत दमोह द्वारा जारी आदेश क्रमांक 4728 दिनांक 16 एक 2019 के माध्यम से बताया गया है कि मानसिंह ठाकुर विकास खंड अधिकारी जनपद पंचायत दमोह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पटेरा का प्रभार सौंपा गया था साथ ही मानसिंह ठाकुर अस्वस्थ होने के कारण कार्यालय कलेक्टर के आदेश क्रमांक 7336 दिनांक 24:10 2019 के माध्यम से श्री आशीष अग्रवाल मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत हटा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पटेरा का समस्त प्रभार सौंपा गया था । इसके बाद मान सिंह ठाकुर विकास खंड अधिकारी जनपद पंचायत दमोह अवकाश अवधि पूर्ण कर अपने कार्य पर उपस्थित हो जाने के फल स्वरुप मान सिंह ठाकुर विकास खंड अधिकारी दमोह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पटेरा का प्रभार सौंपा जाता है । और श्री मान सिंह ठाकुर विकास खंड अधिकारी जनपद पंचायत दमोह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पटेरा की आहरण संवितरण के अधिकार प्रदान किए जाते हैं। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए अधिकारी को फिर से जनपद पंचायत सीईओ का प्रभार देकर जिला पंचायत के उच्चाधिकारी ग्राम पंचायतों के विकास की कल्पना को किस हद तक साकार कर पाते है।
जब इस संबंध में हमने जिला पंचायत सीईओ गिरीश मिश्रा से बात की तो उनका कहना था कि उनके द्वारा किए गए भुगतान की जांच का विषय अलग है अभी वर्तमान में उनको वित्तीय प्रभार दिया गया है और गोलमोल तरीके से जिला पंचायत सीईओ ने घुमा कर अपना जवाब दे दिया।

मोहन पटेल, ग्रामीण जिला संवाददाता दमोह

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