राष्ट्रीय एकता दिवस एवं इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर टी.आर.एस.काॅलेज के सोशल क्लब द्वारा संगोष्ठी का आयोजन
रीवा 31 अक्टूबर 2019 शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा के समाज कार्य विभाग के सोशल क्लब द्वारा लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस और आयरन लेडी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य डा. रामलला शुक्ल के द्वारा की गई तथा मुख्य अतिथि के रूप मंे जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री दिवाकर द्विवेदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन समाज कार्य विभाग के प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल के द्वारा किया गया। सर्वप्रथम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया गया।
इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डाँ.रामलला शुक्ल ने कहा कि 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में जन्मीं इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी आकर्षक व्यक्तित्व वाली मृदुभाषी महिला थीं और अपने कड़े से कड़े फैसलों को पूरी निर्भयता से लागू करने का हुनर जानती थी। इसके अलावा आज की तारीख देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के तौर पर भी इतिहास में दर्ज है। 31 अक्टूबर, 1875 को जन्मे सरदार पटेल ने आजादी के बाद देश को एक सूत्र में पिरोने का बेहद महत्वपूर्ण काम किया था। मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री दिवाकर द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आयरन लेडी के रूप में प्रसिद्ध पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बेहद मजबूत इरादों वाली राजनेता के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी को राष्ट्रीय एकता के लिये कठोर फैसले लेने वाली प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है। उन्होंने अपनी दृढ़ता का परिचय अपने राजनैतिक जीवन में लेकर दिखाया। साथ ही इंदिरा गांधी पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भी बेहद मजबूत महिला के तौर पर जानी जाती रही हैं। इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं। 31 अक्टूबर, 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई थी। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्र के प्रति समर्पण को याद रखने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देता है और सांस्कृतिक समानता लाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस देश में एकता, प्रेम, शांति और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने से देश के लोगों के अंदर एक नई ताजगी और ताकत आती है जो उन्हें प्रोत्साहित करती है। स्वाधीन भारत की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने वाली देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री रही इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी का जीवन संघर्षों और उतार चढ़ावों का जीवन था। माननीय अध्यक्ष, मुख्य अतिथि, प्राध्यापकों एवं छात्रों द्वारा राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करने के लिए शपथ ली गई। कार्यक्रम मे श्री गगन अवस्थी (मनोवैज्ञानिक,इन्दौर), श्री संजय पाल (निदेशक,हेल्थ फस्र्ट), श्री विकास सिंह (निदेशक चाइल्ड लाइन), प्रो.अच्युत पाण्डेय, प्रो.आर.पी.चतुर्वेदी, प्रो.श्रीनाथ पाण्डेय, डाँ.बी.पी.सिंह, प्रो.शंखवती खरे, प्रो.रामेश्वर पाण्डेय, डाॅ. इस्लाम बक्स, प्रो. शिवबिहारी कुशवाहा, प्रो. प्रियंका तिवारी, डाँ. अरूणेन्द्र तिवारी, श्रीमती राजकुमारी पाण्डेय, डाँ.अविनाश रजक, डाँ.गिरीश चतुर्वेदी, प्रो.अरूण शुक्ला, प्रो.के.के.द्विवेदी, श्रीमती कल्पना गौतम, अमित मिश्रा, आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया