ठेकेदार की मनमानी से जयंत-मोरवा मार्ग की सफाई कर्मी उपेक्षित न्यूनतम मजदूरी के लाले पड़े कोल डस्ट के सफाई कर्मी, सिंगरौली से संवाद न्यूज ब्यूरो गोबिन्द राज की रिपोर्ट

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सिंगरौली – जयंत- मोरवा मार्ग पर कोयला डस्ट की कोयला दस्त की सफाई करने वाले मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने से उन्हें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । सड़क पर कोल डस्ट की सफाई करने वाले करीब दो दर्जन महिला पुरुषो को ठेकेदार द्वारा उनकी सुरक्षा के मद्देनजर मास्क, बारिश के मौसम में छाता, सेफ्टी शू आदि की व्यवस्था नहीं किया गया है। जिससे विभिन्न रोगो से ग्रसित होने की आशंका बनी हुई है। जबकि जयंत- मोरवा मार्ग पर चौबिसो घंटे कोल कोल्ड ट्रांसपोर्टिंग होने से डस्ट के साथ यह दुर्घटना की आशंका बनी रहती है सफाई कर्मी बारिश होने पर कही छाया नही मिलने से पानी से भिगते रहते है। जबकि जयंत- मोरवा मार्ग पर एम् पि एल के आला अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन किसी की नजर नहीं पड़ने से डस्ट की सफाई करने वाले मजदूरों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि ठेकेदार द्वारा 8 घंटे के कार्य के एवज में मात्र ₹200 प्रतिदिन की मजदूरी दी जाती है। एनएसईएल द्वारा निर्धारित मजदूरी मांगने पर कार्य से निकालने की धमकी दी जाती है मजदूरों ने बताया कि जिस समय काम की शुरुआत हुई थी उस समय एनसीएल अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि ₹300 मजदूरी एवं सप्ताह में 1 दिन रेस्ट दिया जाएगा। लेकिन नहीं है न्यूनतम मजदूरी मिल रही है और ना ही सप्ताह में रेस्ट दिया जा रहा है 1 दिन की रेस्ट मांगने पर ठेकेदार द्वारा 2 दिन की हाजिरी काट ली जाती है जिससे मजदूर मजबूरी मजबूरी में कार्य करने को विवश है। इस मामले में जयंत परियोजना के संबंधित अधिकारी की उदासीनता सांप उजागीर हो रही है स्थानीय लोगों ने एनसीएल जयंत क्षेत्र के महाप्रबंधक का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कोल डस्ट की झाड़ू से सफाई करने वाले मजदूर पुरुष महिलाओं को सेफ्टी शू मास्क छाता के साथ ही न्यूनतम मजदूरी दिलाने की मांग की है।

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