नेशनल एजूकेशन एन्ड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में एक दिवसीय वेबीनार सम्पन्न, बिजनौर से संवाद न्यूज ब्यूरो एम.साकिर की रिपोर्ट

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धामपुर। नेशनल एजूकेशनल एन्ड सोशल वेलफैयर ट्रस्ट धामपुर के तत्वावधान में नाविल निगार नजीर अहमद पर एक दिवसीय वेबीनार/सेमिनार का आयोजन उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा प्रायोजित किया गया। कार्यक्रम धामपुर में सोशल डिस्टेन्श का पालन करते हुए से संपन्न हुआ। 
स्थानीय मोहल्ला नई सराय स्थित संस्था के कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ नाविल निगार नजीर अहमद की नाते पाक से हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विरेन्द्र रस्तौगी, जावेद सईद, हाजी चाँद, सभासद शमशेर अली आदि ने नाविल निगार नजीर अहमद के व्यक्तित्व और जीवन पर आधारित क्रियाकलापों पर अपने अपने विचार व्यक्त किये। मौहम्मद यूनुस ने कहा कि नजीर अहमद ने बिजनौर जिले का नाम रोशन किया है।उन्होने उर्दू के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने जितने भी नाविल लिखे हैं, वो समाज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिखें है। उन्होंने महिलाओं की समस्याओंं को बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत किये है। वो बालिका शिक्षा पर बहुत जोर देते थें। उन्होने बहुत सी किताबें लिखी जो महिलाओ पर केन्द्रित थी।बालिकाओं की शिक्षा को सरल बनाने के लिए उन्होंने बहुत सी किताबें लिखी। डा. फरीदुर्रहमान ने कहा कि डिप्टी नजीर अहमद ने सर सययद अहमद खां के साथ काफी समय गुजारा। वो अपनी किताबों के द्वारा समाज में व्याप्त बुराइयों को उजगार करते थे और साथ ही साथ उन बुराइयों का खात्मा करने के लिए भी प्रयासरत रहते थें। यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि वह हमारे जिले बिजनौर के रेहङ ग्राम के रहने वाले थे। डा. आसिफ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य नजीर अहमद ने किये है, वह हमेशा याद किये जायेंगे। राहिल अनवर ने कहा कि नज़ीर अहमद एक लेखक होने के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान देने वाले व्यक्ति थे। विरेन्द्र रस्तौगी कहा कि उर्दू की तरक्की के लिए कार्यक्रम होते रहना चाहिए। इससे उर्दू को फरोग मिलेगा। सपा के युुवा नेता जावेद सईद ने कहा कि उर्दू का पहला नाविल निगार होने का श्रेय डिप्टी नजीर अहमद के नाम है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इतना बङी उपलब्धि हमारे जिले बिजनौर के नाम है। नेशनल एजूकेशनल एन्ड सोशल वेलफैयर ट्रस्ट के अध्यक्ष मौहम्मद अनस ने कहा कि डिप्टी नजीर अहमद ने इब्नुलवक्त, फसाने मुब्तला, अययामी, तोबतुल नसूह, बिनातुल नाश, मिरातुल उरूश आदि नाविल उन्होने लिखे। उसके साथ साथ वह सामाजिक बुराईयों को दूर करने में  भी बहुत प्रयासरत रहें। वो अखबारो में लेख भी लिखते थे साथ ही साथ वो सरकारी सेवा में भी कई पदों पर रहे।उनको उर्दू और अन्य क्षेत्रों में योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। कार्यक्रम के अन्त में उन्होने सब का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया।
कार्यक्रम में आनलाइन हाजी चाँद, वरिष्ठ पत्रकार शाकिर अन्सारी, हाजी इस्लामुद्दीन अंसारी, खुर्शीद खां, तनवीर अहमद नजीबाबाद, नसरीन फातमा अमरोहा, नौशाद अहमद अमरोहा, अमीर अहमद दिल्ली, राहिल अनवर, कारी राशिद हमीदी, मौहम्मद इस्माईल गौहर, डा. मौहम्मद वारिस, डा. मौहम्म्द मोनिस, डा. मौहम्मद आसिफ, गययूर अहमद अलीग, मौ. शफीक मुन्ना, मोहम्मद नाज़िम, अभिषेक भारद्वाज, मौहम्मद नासिर इरशाद, रिहान अहमद, इस्लाम फारुकी, मौहम्मद इरशाद, मौहम्मद दिलशाद नदीम, मास्टर शकील अहमद, मास्टर शहजाद, मास्टर इकबाल, मौहम्मद अफजाल, इरशाद अहमद, आफताब अली, मौहम्मद साजिद, सभासद शमशेर अली, मास्टर मौहम्मद राशिद,अमित कुमार, शमशाद अहमद ठेकेदार, विशाल अहमद, कारी आबिद आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. फरीदुर रहमान ने की तथा संचालन कारी राशिद हमीदी व मोहम्मद युनूस ने संयुक्त रूप से किया।

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