शासन के नियम कानून की मास्टर साहब द्वारा उड़ाई जा रही धज्जियां
मास्टर साहब द्वारा शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ किया जा रहा है अन्याय ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां बच्चों को नहीं मालूम है मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री का नाम, इतना ही नहीं इस विद्यालय में न शिक्षक समय पर आते है और न ही बच्चे समय पर आते है और न ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इस विद्यालय की दशा सुधारने की जहमत उठाते हैं । लिहाजा ग्रामीण क्षेत्र के नौनिहालों का भविष्य चौपट ही दिखाई दे रहा है
पन्ना जिला अंर्तगत अमानगंज के समीप कटाहारी पंचायत के कोनी गांव के स्कूल का नजारा कुछ ऐसा ही अलग नजर आया की शासकीय माध्यमिक विद्यालय कोनी जहां पर टीचरों की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई जब वहां जाकर के देखा तो स्कूल का नजारा ही कुछ अलग था जब स्कूल के अंदर जाकर के देखा तो मास्टर अपने कार्यालय में बैठे थे और बच्चे अपनी मस्ती में खेल रहे थे और जब बच्चों से अपने देश के बारे में पूछा गया तो बच्चों ने नीचे मुंह लटका कर बोला की हम को नहीं है पता फिर जब इस विषय में ग्रामीणों से बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल 11:30 बजे खुलता है और 3:30 बजे बंद हो जाता है देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चे शिक्षा से कोसों दूर नजर आ रहे हैं पहाड़ के गांव में ज्यादातर आदिवासी परिवारों के लोग रहते हैं इसीलिए गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं