रीवा, मध्यप्रदेश के रीवा जिले से 60 किलोमीटर दूर थाना लौर का पूरा मामला है।
मझिगमा गाँव की पीड़िता के मुताबिक वह सुबेरे अपने 13 वर्षीय पुत्र के साथ घर से निकल ही रही थी कि घात लगाये बैठे पीड़िता के देवर सतीश यादव उसका बेटा पत्नी सहित एक अन्य आरोपी ने पीड़ित महिला सावित्री यादव को डंडे से जम कर पीटा साथ ही पीड़ित महिला के ऊपर लात घुसो की बौछार कर दी । पीड़ित घायल महिला अपने 13 वर्षीय पुत्र के साथ लौर थाना पहुच कर पूरी घटना की जानकारी दी लेकिन बेरहम पुलिसकर्मियों ने पहले तो पीड़ित महिला को ही फटकार लगाते हुये थाने से भगा दिया । थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी बार बार महिला से जख्म के निशान दिखाने की बात कर रहे थे लेकिन पीड़ित महिला अंदुरुनी हिस्से में लगी चोट को पुरुष पुलिसकर्मी को कैसे दिखाती । पीड़ित महिला के मुताबिक उसके शरीर मे कई जगह गंभीर जख्म है। कई घंटे थाने में बैठी पीड़ित महिला एफआईआर करने की मांग करती रही तो पुलिस ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुये न्यायालयीन प्रकरण बताते हुए 155 के तहत मामला पंजीबद्ध कर पीड़ित महिला और उसके बच्चे को थाना से भगा दिया।
पीड़िता का आरोप है कि जब रिपोर्ट लिखने के एवज में ड्यूटी ऑफिसर ने पीड़ित महिला और उसके बच्चे से घूस की रकम खुले तौर पर मांग की. गरीब और पीड़ित महिला के पास एक भी रुपय नही थे पीड़ित के नाबालिक 13 वर्षीय बच्चे ने पुलिसकर्मी को सब्जी के लिए रखे 60 रुपय दिए तब जा कर महिला की शिकायत वो भी मामले से पल्ला झाड़ने वाली रपट की प्रति दिया गया। आप को बता दे लौर थाना पहले भी अपने इस कारनामे के चलते जिले भर में चर्चित में रहा है। थाने में मौजूद पुलिसकर्मी बिना घूस लिये कोई भी शिकायत नही दर्ज करते। पीड़ित महिला अपने बच्चो के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ से न्याय की गुहार लगा रही है और ऐसे घूसखोर पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग कर रही है।