प्राचीनतम सारंग धाम मंदिर में सौंदर्यीकरण एवं पर्यावरण से हो रहा है  खिलवाड़। सागौन कि कीजा रही अवैध कटाई। पन्ना से संवाद न्यूज ब्यूरो दीपक शर्मा की रिपोर्ट

प्राचीनतम सारंग धाम मंदिर में सौंदर्यीकरण एवं पर्यावरण से हो रहा है  खिलवाड़। सागौन कि कीजा रही अवैध कटाई। पन्ना से संवाद न्यूज ब्यूरो दीपक शर्मा की रिपोर्ट पन्ना। पन्ना से 17 किलोमीटर दूर पन्ना जिले में एक स्थान है। सारंग धाम धनुष आकार पहाड़ियों की आकृति की तलहटी में बने इसी आश्रम में अगस्त मुनि विस्य सुतीक्षण मुनि ने वर्षो तपस्या की थी। इन्हीं के पास जब भगवान राम पहुंचे तो उन्होंने धनुष उठा कर दैत्यों के संहार का संकल्प लिया था।तुलसी रामचरित रामायण के अरण्य कांड में सुतीक्षण मुनि से मिलने का वर्णन है। श्री राम बन गमन का जो मार्ग बना है उसमें भी इस स्थान का विशेष उल्लेख है।  उसी सारंगधर मंदिर का एक मुद्दा सामने आया है।कि जो सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी से सारंगधर मंदिर में अवैध रूप से सागौन की कटाई एवं बिक्री की जाती है वहां मौके में निरीक्षण करने पर सागौन के कटे हुए पेड़ एवं लकड़ी का टुकड़ा पाया गया। मंदिर के थैली दार से पूछा गया। तो उन्होंने  कहा इसमें मंदिर स्टाफ की मिलीभगत से यह सब काम हो रहा है बेश कीमती  सागौन की लकड़ी मंदिर बगीचे से काटकर बेची जा रही है पूछताछ से पता चला है की मंदिर पुजारी भूपेंद्र मिश्रा एवं अनिल मिश्रा दोनों लकड़ी काट कर बेचते हैं एवं यह दोनों अपने कमरे में लकड़ी काटकर रखते हैं।और समय व मौका मिलने पर वहां से यह बेच देते हैं इसमें आला अधिकारी एवं  वन विभाग को सूचना नहीं है या आंखों में पट्टी बांधकर बैठे  हुए हैं इससे साफ मालूम चलता है कि मंदिर के स्टाफ की सोची समझी साजिश है जबकि अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई है अतः मंदिर की सार्वजनिक संपत्ति को क्षति हो रही है इससे मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं पर्यावरण खराब हो रहा है सारंग धाम ऐसा स्थान है जहां बुंदेलखंड के लोग इसे वास्तविक तीर्थ स्थल मानते हैं जहां जाने और रामकुंड का पानी पीने  मात्र से सारे पाप दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

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