बर्चस्व की लड़ाई मे हुई युवक की हत्या, पढ़िए पूरी खबर संवाद न्यूज मे छतरपुर ब्यूरो अनुपम गुप्ता की रिपोर्ट

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वर्चस्व की लड़ाई में युवक की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या
फिल्मी स्टाइल में योजना बनाकर दिया वारदात को अंजाम
हत्या के बाद आरोपी ने पुराने मामले में न्यायालय पहुंचकर किया सरेण्डर
छतरपुर। इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए गुण्डों के दो समूहों में पिछले दो-तीन वर्षों से गैंगवार चल रहा था। इस युद्ध की परिणीति के रूप में सोमवार को एक युवक की घर में घुसकर हत्या कर दी गई। मृतक रिटायर बीएसएफ जवान का बेटा है और रेत का कारोबार भी करता था। हत्या की पूरी वारदात को फिल्मी स्टाइल में योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। परिवार की रिपोर्ट पर पुलिस ने जिन तीन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है उनमें से एक ने वारदात के तुरंत बाद एक पुराने मामले में न्यायालय पहुंचकर सरेण्डर कर दिया और जेल पहुंच गया। एक अन्य आरोपी नाबालिग है जिसे जान-बूझकर उसे वारदात में शामिल किया गया ताकि नाबालिग होने का लाभ मिल सके। यह आरोपी व एक अन्य अभी फरार है।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक सिविल लाईन थाना क्षेत्र के बजरंगनगर इलाके में रहने वाले बीएसएफ के रिटायर जवान राकेश अग्रिहोत्री के पुत्र दीपक अग्रिहोत्री की सोमवार की सुबह लगभग साढ़े 11 बजे घर में आए तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। परिवार द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी अक्षय सोनी, धर्मेन्द्र सोनी के साथ आए एक नाबालिग लड़के ने इस वारदात को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए। दिनदहाड़े घर में घुसकर हत्या की इस वारदात ने छतरपुर में सनसनी फैला दी। पहले ही ठेकेदारी प्रथा से चल रहे थानों व ट्रॉफिक व्यवस्था के आरोप झेल रही छतरपुर पुलिस को इस मामले में भी जमकर आलोचना सहनी पड़ी। दीपक अग्रिहोत्री भाजपा के जिला महामंत्री अरविंद पटैरिया का खास व्यक्ति था। घटना की जानकारी लगते ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह एवं दीपक के बहनोई रवि त्रिपाठी सहित अनेक लोग अस्पताल में पहुंचे एवं परिवार को संभालने की कोशिश की। वारदात के बाद युवक का पोस्टमार्टम कराया गया एवं परिवार ने तीन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया।
कई वर्षों से चल रहा था गैंगवार
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दीपक अग्रिहोत्री की हत्या के पीछे इलाके में वर्चस्व जमाने के लिए दो गैंग के बीच वर्षों से चल रहा झगड़ा मुख्य वजह है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक आरोपी अक्षय सोनी पर हत्या के प्रयास जैसे 11 मुकदमे दर्ज हैं। दूसरे आरोपी धर्मेन्द्र सोनी पर इसी तरह के 15 गंभीर मामले दर्ज हैं तो वहीं मृतक दीपक अग्रिहोत्री के विरूद्ध भी 10 मामले दर्ज थे जिनमें हत्या और हत्या के प्रयास के मामले भी शामिल हैं। दोनों पक्षों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ थानों में मामले दर्ज कराने की रिकार्ड भी सामने आए हैं। वर्ष 2018 में कोतवाली पुलिस ने जीतेन्द्र सेन की शिकायत पर दीपक अग्रिहोत्री व दो अन्य लोगों पर धारा 307 का मामला दर्ज किया था बाद में जीतेन्द्र सेन बयानों से पलट गया था और उसने बताया था कि उक्त मुकदमा पैसे देकर अक्षय सोनी ने ही दर्ज कराया था। इसी तरह जनवरी 2019 में जीतेन्द्र श्रीवास ने अक्षय सोनी सहित तीन लोगों पर धारा 307 का मामला दर्ज कराया था जिसके पीछे दीपक की भूमिका सामने आयी थी। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर केस लगवाने में पीछे नहीं हटते थे। यह विवाद इतना बढ़ा कि अक्षय सोनी गिरोह ने दीपक अग्रिहोत्री की दिनदहाड़े हत्या कर दी।
पेशेवर बदमाश हैं हत्यारे
इस मामले में जो प्रारंभिक जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक अक्षय सोनी और धर्मेन्द्र सोनी क्षेत्र के पेशेवर बदमाश हैं। अक्षय सोनी पर वर्तमान में जिला बदर की कार्यवाही चल रही थी तो वहीं वह एक 307 के केस में भी फरार था। इसी तरह धर्मेन्द्र सोनी पर भी रासुका की कार्यवाही के साथ 15 मुकदमे दर्ज हैं। हत्या में एक नाबालिग लड़के का इस्तेमाल किया गया जो अक्षय सोनी का भांजा बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक नाबालिग होने का फायदा लेने के लिए इस लड़के का इस्तेमाल किया गया होगा। उधर हत्या के बाद अक्षय सोनी सीधा न्यायालय पहुंचा और 307 के एक मामले में सरेण्डर कर जेल चला गया। आज हुई हत्या की एफआईआर के पहले ही अक्षय सोनी जेल जा चुका था। इससे पता लगता है कि हमलावरों ने कितने शातिर तरीके से इस हत्या की योजना बनाई होगी। बहरहाल पुलिस इस मामले के सभी पहलुओं पर बारीकी से विवेचना कर रही है।
इनका कहना-
तीन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है जिनमें से एक जेल जा चुका है। दो लोग अभी फरार हैं पुलिस जल्दी ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी।
जयराज कुबेर, एएसपी, छतरपुर

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