अजयगढ़ = नगर को स्वच्छ सुंदर साफ सुथरा ओर खूबसूरत रखने वाले सफाईकर्मियों की भूमिका स्वच्छ भारत अभियान को बनाए रखने में सबसे पहले आती है यदि उन्ही का शोषण होगा तो स्वछता अभियान का सपना कैसे पूरा होगा
नगरपरिषद अजयगढ़ में अधिकारियों एवं जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने मस्टर में काम करने वाले एक दर्जन सफाई कर्मियों को बेमतलब निकाल दिये जाने के बाद अचानक बिना किसी कारण के निकाल दिया जिससे नगर की साफसफाई करने वाले सफाई कर्मी व पेयजल आपूर्ति में लगे कर्मी नाराज हो गए जिसके बाद सफ़ाई कर्मियों का मामला यूनियन के अध्यक्ष तक पहुंच गया यूनियन अध्यक्ष ने निकाले गए सफाई व पेयजल कर्मियों के साथ नगर परिषद के सीएमओ व अध्यक्ष से सफाई कर्मियों के निकालने को लेकर बात की तो सफ़ाई कर्मियों को अचानक नोकरी से हटाने के मामले में सीएमओ वा अध्यक्ष एक दूसरे के ऊपर मामले का ठीकरा फोड़ने लगे ओर नियमो का हवाला देने लगे
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा सन 17 में मस्टर पर काम करने वाले लोगो को काम बंद करने के निर्देश दिए गए थे शासन के आदेश को ध्यान में न रखते हुए अजयगढ़ नगर परिषद में कार्यरत सफाई कर्मी एवं पेय जल सप्लाई कर्मियों को निकालने की बजाए पीआईसी में प्रस्ताव डाल कर कार्य लेते रहे राज्य शासन का आदेश बे असर रहा इन कर्मियों की पीआईसी की अनुमति के मुताविक अकटुबर में समय अवधि समाप्त हो गई थी परन्तु मुख्य नगर परिषद अधिकारी द्वारा पीआईसी से मौखिक आग्रह करने के बाद भी अगली समय अवधि नही बढ़ाई गई थी जिस कारण इन कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई वही मुख्य नगर परिषद अधिकारी द्वारा इनकी समय अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव अध्यक्ष को दिया गया था जिस पर पीआईसी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा गया जिस पर कार्यरत 11 कर्मचारियो में नीरज नामदेव 5 वर्ष ,राज कुमार बाल्मीक 5 वर्ष,रामस्वरूप यादव 10 वर्ष
छोटे लाल यादव 5 वर्ष,मनोज दुवेदी 5 वर्ष ,भूपेंद्र नामदेव 5 वर्ष,आशुतोष चतुर्वेदी 5 वर्ष सेन 5 वर्ष जेन 5 वर्ष अरुण सिंह 5 वर्ष एवं अमित कोरी 5 वर्ष
की नगर परिषद से सेवाएं समाप्त कर दी गई तब आज कार्यरत कर्मचारियों द्वारा नगर पंचायत में काफी हंगामा किया गया जिस पर सीएमओ ने पुनः नोट सीट चला कर परिषद के बचे हुए कार्यकाल के अंदर पीआईसी में प्रस्ताव डाल कर उक्त कर्मचारियो को पुनः सेवा में लेने पर सहमत हो गए अध्यक्ष संदीप विश्वकर्मा से उक्त कर्मचारी मिले तब उन्होंने अस्वाशन दिया कि सीघ्र ही आप लोगो की बहाली करवा दी जाएगी इस कसमकस के बीच सफाई व पेय जल कर्मचारी के भविष्य का फैसला आगामी बैठक में होगा जब कि 23 जनवरी को नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल पूरा हो रहा है क्या अपने कार्यकाल में इन कर्मचारियों के भविष्य का फैसला होगा या अधर में रहेगा निकाले गए कर्मचारियो से नगर की सफाई व पेयजल व्यवस्था प्रभावित है।