मनिकवार में स्कूल संचालक चला रहे मनमानी मर्जी,संवाद न्यूज डेस्क से कमलेश कुशवाहा की विशेष रिर्पोट

मनिकवार में स्कूल संचालक चला रहे मनमानी मर्जी,संवाद न्यूज डेस्क से कमलेश कुशवाहा की विशेष रिर्पोट सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रायपुर कर्चुलियान ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मनिकवार में गांधी पब्लिक स्कूल के संचालक पीयूष पांडे की मनमानी से बच्चों के गार्जियन चक्कर लगा कर थक चुके हैं । आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि *खोदा पहाड़ निकली चुहिया* ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है मनिकवार के *गांधी पब्लिक स्कूल* का । ग्रामीण लोगों की माने तो विद्यालय का संचालन कर रहे पीयूष पांडे द्वारा विद्यालय में बच्चों के प्रवेश हेतु बड़े बड़े प्रलोभन दिए जाते हैं और फिर प्रवेश लेने के बाद बात कुछ और ही होती हैं बताया जाता है कि 11:30 व 12:00 बजे तक प्रतिदिन वाहनों से बच्चों को आटो तथा मैजिक में भूसे की तरह भरकर स्कूल में पहुंचाया जाता है । *अभिभावकों के साथ अभद्रता का बर्ताव किया जा रहा* अभिभावक मोलई साहू ग्राम सिरसा द्वारा बताया गया कि हमने अगले सत्र 2018 19 में स्कूल संचालक के भाई प्रभात पांडे द्वारा ₹10000 में दो बच्चों का पांचवी छठवीं कक्षा में गांधी पब्लिक स्कूल में प्रवेश दिलाया था जो फीस पूरी ₹10000 जमा कर रसीद ले ली गई थी इस वर्ष विद्यालय में वाहन की सुविधा,एवं अन्य कोई सुविधा ना होने के कारण बच्चों को आने जाने में कठिनाई होने के कारण हमने बच्चों का प्रवेश दूसरी विद्यालय मे करा दिए और जब टी.सी. लेने गए तो स्कूल संचालक पीयूष पांडे ने दूसरे रसीद देखने के लिए मगाई और जब हम रसीद लेकर गए टीसी लेने तो उन्होंने हमारी रसीद रख ली और 5000 की नई रसीद बनाकर दे दी और कहा की आपकी फीस ₹5000 बाकी है और बोलें जब तक ₹5000 आप नहीं जमा करेंगे जब तक टीसी हम नहीं देंगे आपको जो करना है वह करो।और अभी तक उनके भाई प्रभात पांडे से टीसी के लिए बात किया जाए तो बोलते थे आपकी फीस पूरी जमा है जल्दी आपको टीसी दी जाएगी स्कॉलर गुम गया है टीसी बन रही है तारीख पे तारीख करते जा रहे थे । जुलाई से अक्टूबर 4 महीने बीत जाने के बाद भी टीसी नहीं दे पा रहे हैं और अब वह भी लास्ट में बोलने लगे ₹5000 आपको जमा करने पड़ेंगे तभी आपको टी.सी. मिल पाएगी *पुलिस चौकी में की गई थी रिपोर्ट* मिली जानकारी के _अनुसार इसकी रिपोर्ट पुलिस चौकी _प्रभारी_ मनिकवार में की गई है_ लेकिन विद्यालय संचालक के मनमानी के आगे पुलिस प्रशासन की उदासीनता साफ देखी जा सकती हैं जो कि हफ्तों बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

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