मोदी सरकार के तीन काले कानूनों को वापस लेने एवं किसान संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान का समर्थन देने  पन्ना स्थानीय गांधी चौक पर राष्ट्रपति के नाम  ज्ञापन सौंपा,पन्ना से सचिन खरे की रिपोर्ट

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पन्ना। मोदी सरकार ने देश के किसान खेती और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षड्यंत्र किया है केंद्र की भाजपा सरकार तीन काले कानूनों के माध्यम से देश की हरित क्रांति को हरने की साजिश कर रही है देश के अन्नदाता  के सांसद खेती मजदूर के मेहनत के बल पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षड्यंत्र किया जा रहा है आज देश भर के 62 करोड़ किसान मजदूर ढाई सौ से अधिक किसान संगठन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एतराज व दरकिनार कर देश को बरगला रहे हैं अन्नदाता किसान की बात सुनता तो दूर सांसद मैं उनकी नुमाईदो की आवाज को दबा जा रहा है और सड़कों पर किसान मजदूरों को लाठियों से पिटवाया जा रहा है संघीय ढांचे का उल्लंघन कर संविधान को रौंदकर सांसदीय प्रणाली को दरकिनार कर तथा बहुमत के आधार पर मोदी सरकार ने सांसद के अंदर तीन काले कानूनों को जबरन तथा  बगैर किसी चर्चा व राय मशवरे के पारित कर लिया है। यहां तक कि रात सभा में हर संसदीय प्रणाली व प्रजातंत्र के को तार-तार कर के काले कानून पारित किए गए कांग्रेस पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों में मतभेद महाजन की मांग की जो हमारा संवैधानिक अधिकार है 62 करोड लोगों की जिंदगी में से जुड़े काले कानूनों को सांसद के परिसर के अंदर सिक्योरिटी गार्ड लगाकर सांसदों के साथ धक्का-मुक्की कर बगैर किसी मत विभाजन के पारित कर लिया गया देश के किसान, खेती मजदूर,  मंडी मजदूर, मुनीम कर्मचारी, ट्रांसपोर्ट वाले को करोड़ों लोगों को परेशान कर रहे हैं।

उसके विरोध में कांग्रेसियों ने कमलनाथ जिंदाबाद कमलनाथ जिंदाबाद के नारेबाजी करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप।

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