शाहनगर कोरेन्टाइन मे फसे मजदूर गर्मी भूख प्यास से बेहाल,कव्हरेज करने पर तहसीलदार ने मीडिया कर्मियों को रोका,पत्रकारों मे आक्रोश, शाहनगर से संवाद न्यूज ब्यूरो पं. संजय त्रिपाठी की रिर्पोट

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मामला शाहनगर मे कोरेन्टाइन मे रखे मजदूरो का  शासकीय अनुसूचित जाति प्रीमैट्रिक कन्या जूनियर छात्रावास शाहनगर  मे रखे गये मजदूरों का मामला 

 शाहनगर में प्रशासन के दावों की खुली पोल कोरेन्टाइन  मजदूरों ने अधपक्का भोजन करने से किया इनकार भूख प्यास से तड़पते दिखें  बेबस कोरेन्टाइन मजदूर  
प्रतिदिन प्रशासन द्वारा जारी प्रेस नोटो  में बढ़ा चढ़ाकर दावे किए जा रहे हैं कोरेन्टाइन में रोके गए लोगों के लिए समय से नाश्ता चाय भोजन पर्याप्त मात्रा में दिया जा रहा है जिसकी पोल आज दोपहर 2:30 बजे के लगभग शाहनगर मे खुलकर सामने आ गई जब स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे शाहनगर अनुसूचित जाति प्रीमैट्रिक कन्या जूनियर छात्रावास शाहनगर में ठहरे हुए मजदूर  लोगों ने अपनी आप बीती ब्यथा बातें कह सुनाई हमारे शाहनगर संवाददाता को दोपहर दो बजे के लगभग मोबाइल में फोन आया कि हम मजदूर लोगों को छात्रावास में रोका गया है जहां पर भोजन पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है हमको लगता है कि हम मजदूर कोरोना महामारी  से तो नहीं मरेंगे लेकिन हम भूख प्यास  से जरूर मर जाएंगे आप छात्रावास आकर स्थिति का अवलोकन करें हमारे प्रतिनिधि संजय त्रिपाठी द्वारा स्वयं जाकर रुके हुए लोगों से मिलकर वास्तविक स्थिति जानने के लिए पहुंचे तो देखा कि शासकीय अनुसूचित प्रीमैट्रिक कन्या जूनियर छात्रावास शाहनगर  के गेट के पास एक व्यक्ति खड़ा हुआ है जो चौकीदार को आवाज लगा कर  बुला रहा है चौकीदार द्वारा गेट का ताला खोल कर उस व्यक्ति को  प्रवेश दिया उसी  समय प्रतिनिधि भी गेट से अंदर प्रवेश किया और अपना कैमरा चालू कर छात्रावास कैंपस के अंदर की गतिविधियों  को कैमरे मे कैद करने लगा देखा कि भोजन के पैकेट दोपहर में तेज चिलचिलाती धूप में खुले आसमान के नीचे छात्रावास परिसर में पडे हुए थे जब इस तरह भोजन  पैकेट धूप मे पडे भोजन की स्थिति देखी तो उपस्थित लोगों से कारण जानना चाहा तो उपस्थित  कन्या छात्रावास में कोरेन्टाइन में रखे हुए डेढ़ सौ मजदूरो  ने एक स्वर में बताया  कि यह भोजन दोपहर दो बजे के लगभग आया है वह भी अधपका है जो भोजन करने योग्य नहीं है इसलिए हम सभी कोरेन्टाइन मजदूर भाइयों ने इस अधपके भोजन का बहिष्कार किया गया है मजदूरों ने आंखों में आंसू भरकर कहा कि हम लोग कोरोना महामारी  से तो नहीं मरेंगे लगता है कि भूख प्यास गर्मी से जरूर मर जाएंगे यहां की व्यवस्था बहुत ही अराजक अव्यवस्थित तथा दीन हीन है लोगों ने बताया कि नाश्ता तो कभी  नहीं मिलता है चाय मिलती है वह भी दस बजे दिन में नाश्ते के नाम पर दो रूपये का पारले जी का  बिस्कुट दिया गया है चाय जिस में पाउडर का दूध चाय पत्ती एवं शक्कर नाम मात्र की रहती है भोजन प्रतिदिन दोपहर दो बजे दिया जाता है वह भी अधपका  हुआ चावल खोलकर दिखाया तो अधपका चावल था उसके साथ दाल भाजी चार पूड़ी थी उपस्थित मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि हम मजदूर की कोई नहीं सुन रहा है मजदूरों  को पशुओं से बदतर भोजन दिया जा रहा है जो खाने योग्य नहीं है कोरेन्टाइन  मजदूरों ने नाराजगी दिखाते हुए सामूहिक रूप से भोजन लेने से किया इनकार मजदूर भूख प्यास से तड़पते रहे लेकिन स्थानीय प्रशासन निरंकुश बना रहा मजदूरों ने बताया कि अंदर गंदगी का अंबार लगा हुआ है लगता है कि यहां कई महीनों से झाड़ू नहीं लगी अशोक कुमार निवासी रैगवां  ने बताया कि हम यहां पर तीन दिनों से रुके हुए हैं हमारी तबीयत खराब है उल्टी दस्त की शिकायत है सुबह से डॉक्टर की मांग कर रहे हैं लेकिन दोपहर 2:30 बज गए हैं अभी तक डाक्टर नहीं आए हैं मेरे को उल्टी दस्त की शिकायत है वही विनय सिंह निवासी सिजहटी टिकरिया  थाना शाहनगर  के रहवासी है आपने बताया कि इस छात्रावास में मात्र एक पंखा है वह भी चलता नहीं है यहां पर भूख प्यास गर्मी से प्राण अकुला रहे हैं बताया कि डेढ़ सौ लोगों के बीच मात्र दो बाल्टी हैं जिससे लेट्रिन बाथरूम जाने की काफी दिक्कत हो रही है वहीं बांदा निवासी मजदूर ने बताया कि हम बारह सौ  किलोमीटर दूर से पैदल चलकर आए हुए  हैं  हमें बांदा उत्तर प्रदेश जाना है यदि प्रशासन  भोजन पानी की व्यवस्था नहीं कर सकते तो  प्रशासन हमें हमारे जिला पहुंचा दे पूरे छात्रावास में दो बल्ब प्रकाश के लिए लगे हुए हैं बाकी कमरों में अंधेरा छाया हुआ है इसी बातचीत के दौरान व्यवस्था में लगे किसी कर्मचारियों ने स्थानीय प्रशासन को फोन कर अवगत कराया  कुछ समय बाद इसी चर्चा के दौरान स्थानीय प्रशासन के मुखिया एससी परस्ते अनुविभागीय अधिकारी शाहनगर संदीप सिंह,तहसीलदार शाहनगर राकेश शुक्ला जनपद सीईओ शाहनगर अपने दल बल के साथ शासकीय अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक कन्या जूनियर छात्रावास शाहनगर पहुंचे जहां बाहर से आये हुए मजदूरों को कोरेन्टाइन के लिए रखा गया है उनके पहुचने पर सभी कोरेन्टाइन लोगों ने नाराज़गी व्यक्त कर कहा की ये भोजन दोपहर दो बजे अधपका  भोजन दिया गया है यह भोजन करने योग्य नही है वही इस पूरी धटना क्रम को प्रतिनिधि द्वारा कैमरे मे घटनाक्रम को कैद किया जा रहा था तभी संदीप सिह  तहसीलदार शाहनगर ने आक्रोशित होकर पूछा कि तुमको किसने बुलाया है कैमरे को बंद कर जाने को कहा गया मीडिया कर्मी को न्यूज  कवरेज करने से रोका गया जो लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ  की स्वतंत्रता का हनन है । वही एसडीएम एस.सी. परस्ते शाहनगर भोजन देखा तो  आपने कहा कि चावल जरूर कच्चा है लेकिन पूडी खा सकते थे मजदूरों ने कहा कि साहब छोटी छोटी चार पूडी मे होता क्या वैसे ही भूखे रहना था अब भी भूखे है एसडीएम ने भोजन व्यवस्था कराने का भरोसा दिला कर वापस लौट गये लेकिन शाम सात बजे तक न्यूज लिखने तक मजदूरों के भोजन की नही हुई व्यवस्था भूख प्यास से मजदूर बेहाल है

पं.संजय त्रिपाठी, ब्युरो संवाद न्यूज शाहनगर

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