बहुती नहर परियोजना की आंखो देखी हाल
बहुती नहर परियोजना का कार्य म० प्र० सरकार ने कार्यपालन यंत्री व्दारा गुजरात की सद्भाव इंजीनियरिंग लि० को सितम्बर 2013 मे सौपा गया था यह योजना के अंतर्गत 56 कि० मी० की मुख्य नहर मे से निकलने वाली शाखा और प्रशाखा नहरो का कार्य करना था योजना की लागत रु० 428.00 करोड अनुबंध के अनुसार स्वीकृत की गई थी यह कार्य करने की अवधि तीन वर्ष की थी। जिसमे स्थानीय मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो वहा पर देखने को मिला कि सद्भाव इंजीनियरिंग ने न तो योजना का कार्य छोड़ा है न ही कार्य छोङने की कोई प्रतिक्रिया दी है। कि योजना के अनुबंध की शर्तो के अनुसार नहर बनाने के लिए जो भू: अर्जन करना था वह जिम्मेवारी म० प्र० सरकार की थी कुल मिला कर 857.0 कि० मी० लम्बाई की नहर के लिए भू: अर्जन करना जरूरी था। अनुबंध की निर्धारित अवधि जो कि तीन वर्ष की थी इस अवधि के दरम्यान केवल 16 प्रतिशत यानी कि 132 कि० मी० भू: अर्जन सरकार के द्वारा किया गया था और सरकार ने यह जमीन सद्भाव इंजीनियरिंग को सौपी थी। आज दिनांक तक यानी कि अनुबंध तारीख से छः साल मे 857 कि० मी० जमीन के बजाय मात्र 505 कि० मी० जमीन नहर का काम करने के लिए टुकडे, टुकडे मे सौपी गई है। अप्रैल 2019 तक मे सद्भाव इंजीनियरिंग ने 441 कि० मी० का काम संम्पन्न कर दिया है। सद्भाव इंजीनियरिंग को सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध न कराने के कारण बाकी काम नही कर सकी है। अतः योजना से जो विलंब हुआ है। इसमे सद्भाव इंजीनियरिंग का न तो कोई दोष है न ही कोई जिम्मेदारी है। जमीन न होने के अलावा सरकार ने अपनी एक अन्य नई योजना– नईगढ़ी माईको एरीगेशन कमान्ड हेतु बहुती मुख्य नहर जो कि 65000 हैक्टयर की सिंचाई के लिए आलेखित की गई थी उसका आलेखन बदलकर यह दूसरी योजा के लिए 50,000 हैक्टयर ज्यादा सिंचाई के लिए बनाने की सूचना म० प्र० सरकार द्वारा सद्भाव इंजीनियरिंग को दी गई थी। आलेखन मे बदलाव और उसके अनुसार मुख्य नहर के निर्माण मे अतिरिक्त समय लगना स्वाभाविक है। इस अतिरिक्त कार्य के लिए म० प्र० सरकार ने आज तक कोई भुगतान सद्भाव इंजीनियरिंग को उपलब्ध नही कराया है। भारत सरकार के कानून के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार ने आज तक जी,यस,टी का भी कोई भुगतान नही किया है। तीन साल की अवधि मे बाकी योजना भू: अर्जन न होने के कारण साढे छः साल तक पूर्ण न होने के कारण सद्भाव इंजी० लि० को काफी आर्थिक नुकसान भी उठाना पडा है। और बढ़ भी रहा है। स्वाभाविक है। कि आर्थिक नुकशान और काम के दरो मे अतिशय बाजार बढोतरी के कारण काम मे और भी ज्यादा रुकावटे आ रही है। यह समस्या सद्भाव इंजी० के नियंत्रण के बाहर है। वही मुख्य नहर का कार्य खत्म हो चुका है। और सरकार ने नहर मे पानी का प्रवाह भी शुरु कर दिया है। 30,000 हैक्टयर मे सिंचाई भी हो रही है। अतः विलंब के लिए सद्भाव की कोई जिम्मेदारी नही है। यह स्पष्ट किया जाता है कि सद्भावे इंजी० देश की जानी मानी कंम्पनी है। हाईवे और अन्य क्षेत्रो मे कई योजनाओ का निर्माण कर चुकी है। तथा इंजी० मैनेजमेन्ट के क्षेत्र मे अग्रसर रही है।