सिंहपुर निवासी ब्रजेश कोरी ने दिमागी हालत ठीक न होने और नशे का का आदी होने से फाँसी लगाकर दी जान,अजयगढ़ से संवाद न्यूज ब्यूरो जयराम पाठक की रिर्पोट

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अजयगढ़, ग्राम पंचायत सिंहपुर में दिनाँक 18, 4,20 20 दिन के 11 बजे ब्रजेश कोरी ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी दिमागी हालत ठीक न होने मंदबुद्धि एवं नसे का आदी था मृतक जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पहुची और जाँच उपरान्त थाना अजयगढ़ में मर्ग 18, 20 धारा 174 जाप्त फौजदारी कायम कर जाँच में लिया गया है। उक्त घटना को कुछ लोगों ने एस डी एम बी बी पाण्डेय जी को बताया की मृतक की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसने आत्महत्या कर ली है। मामले को गंभीरता से लेते हुये एस डी एम श्री पाण्डेय द्वारा स्वयं पहुचकर घटना की जांच पड़ताल की गई मृतक के माता पिता भाई से उक्त घटना की चर्चा की गई जिसमें मृतक के पिता गया प्रसाद कोरी ने बताया की वह विकलांग है उसे 600 रुपये प्रतिमाह पेंसन मिलती है
अभी 12 अप्रैल को 3 माह की इकट्ठी पेंसन 1800 रुपये मिली है। उसके नाम ग्राम कल्याणपुर में 1,2 बीघा सिंचित जमीन है जिसमें अभी उसे दो बोरा गेहूं और तीन बोरा चना मिला है उसका लड़का राजेश कोरी दिल्ली में मजदूरी करता था जो होली के समय घर आ गया है वहीं से 11000 रुपये ले के आया था अभी उसके पास वर्तमान में 6000 रुपये रखे हुये है मृतक ब्रजेश कोरी मानसिक रोगी था जिसका पिछले वर्ष जिला चिकित्सालय में इलाज हुआ पर वह ठीक नहीं हुआ। मृतक ने 20 मार्च को अपने बालों में आग लगाने का प्रयास भी किया था और डाई पी ली थी 16 अप्रैल को मृतक द्वारा अपने माता पिता से रुपये मांगने पर रुपये न देने से कुल्हाड़ी ले के मारने दौड़ा था जिसकी जानकारी मृतक के माता पिता ने स्थानीय कोटवार को दी थी तथा 17 अप्रैल को 100 डायल गाड़ी बुलाई थी पर उस गाड़ी में वह नहीं बैठा और मृतक ने अपनी माँ से गांजा पीने और गुटका खाने को पैसे मांगे थे परन्तु पैसे न मिलने के कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली

उक्त घटना के संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भागीरथ तिवारी से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया की गया प्रसाद कोरी को 13 अप्रैल को संनिर्माण कर्मकार मण्डल के आधार पर 96 किलो ग्राम गेंहू और चार किलो चावल उप्लब्ध कराया गया है।

उक्त घटना के सम्बंध में एस डी एम अजयगढ़ बी बी पाण्डेय द्वारा बताया गया की गया प्रसाद कोरी के पास परिवार के जीवकोपार्जन के लिये आय के पर्याप्त साधन थे। उसका पुत्र मानसिक विछिप्त था और नसे का आदी था उसकी मृत्यु आर्थिक आभाव, या भोजन की कमी और चिकित्सीय अभाव में नहीं हुई है

जयराम पाठक ,ब्यूरो संवाद न्यूज अजयगढ़

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