3 साल पहले जिस बेटे का किया था अंतिम संस्कार, वो लॉकडाउन में लौट आया,संवाद न्यूज डिप्टी हेड अनुपम गुप्ता की रिर्पोट

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छतरपुर के बिजावर इलाके में तीन साल पहले बिजावर के मौनासइया जंगल में एक कंकाल मिला था जिसकी पहचान भगोला आदिवासी ने अपने बेटे के रूप में की थी. परिजनों ने कंकाल का अंतिम संस्कार भी अपने बेटे की तरह कर दिया था.

अब कोरोना संकट के चलते कई राज्यों से मजदूर घर वापसी कर रहे ऐसे में अचानक डिलारी गांव में एक युवक उदय आदिवासी अपने घर पहुंचा तो लोग हक्के-बक्के रह गए. जो पिता अपने बेटे को मरा समझकर अंतिम संस्कार कर चुका था वह अचानक सामने जिंदा खड़ा था ।

इस युवक को पुलिस के पास ले जाकर पिता ने जो हकीकत बताई, उससे अब पुलिस भी हैरान है. तीन साल पहले अपने परिवार से नाराज होकर उदय हरियाणा के गुरुग्राम चला गया और वहां एक फैक्ट्री में काम करता रहा. लॉकडाउन हुआ तो वह घर वापस आया.

इस मामले में बिजावर एसडीओपी सीताराम अवाश्या का कहना है कि जिस युवक को मरा हुआ समझा जा रहा था, वह वापिस जिंदा हो गया तो परिजनों ने जिस कंकाल का अंतिम संस्कार किया था, आखिर वह किसका था? अब पुलिस बंद कर चुकी फाइलों को फिर से खोलने जा रही है

अनुपम गुप्ता, डिप्टी हेड संवाद न्यूज

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