क्षेत्र मे बिजली समस्या को लेकर समाज सेवी शिवानन्द द्विवेदी ने उठाई आवाज, पढ़िये पूरी खबर संवाद न्यूज पर-पत्रकार शिवरतन नामदेव की रिपोर्ट

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💥 *(Rewa, MP) दुर्भाग्य योजना का बिजली कार्य अधूरा, लोगों को अभी भी सौभाग्य की दरकार (मामला जिले मे सौभाग्य योजना के कार्य का जहाँ अभी भी कई विद्युत वितरण केंद्रों में कोई कार्य नही हुआ, सरकार से जांच कर कार्यवाही की हुई माग, जिले में सौभाग्य योजना बनी दुर्भाग्य योजना)*
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दिनांक 29 मई 2019, स्थान- गढ़/गंगेव/कटरा/त्योंथर, रीवा मप्र

प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी घर घर बिजली प्रदाय योजना किस प्रकार फ्लॉप साबित हुई है इसका एक बेहतरीन उदाहरण रीवा जिला है।

अरबों खरबों का बजट किस प्रकार बिजली विभाग और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है इसका जीता जागता उदाहरण जिले में चल रहे सौभाग्य योजना के कार्य हैं।

💥 *सर्वे के बाद नही हुआ वर्कऑर्डर*

जिले में लगभग हर ग्राम की बिजली की स्थिति आज यह है कि उपभोक्ता 500 मीटर दूर से अपने बांस बल्ली गाड़कर, कटिया लगाकर बिजली जला रहे हैं। इतने बजट के बाद जबकि यदि घर की दूरी 30 मीटर से अधिक हो वहां पर खम्भा केबल डालकर घर घर बिजली पहुचाने की सरकार की मंशा थी उस पर पानी फिर चुका है। जहां जहां कंप्लेन की गयी वहाँ वहाँ कुछ कार्य हुआ बांकी अन्य जगहों पर कोई देखने वाला नही। कुछ जगह जहां सर्वे कराया गया वहां वर्कऑर्डर ही नही हुआ। कुछ ऐसे भी ग्राम हैं जहां वर्क आर्डर हुआ है तो उन जगहों पर अब तक कार्य नही हुए। कटरा डीसी में भमरिया एवं लालगांव डीसी में बांस टिकुरी टोला में वर्क आर्डर के बाबजूद भी कार्य नही हुआ। अब मानसून आने वाला है ऐसे में एक बार पुनः कार्य लटक सकता है।

💥 *इतने करोड़ का है बजट*

यदि देखा जाय तो जिस हिसाब से सरकार द्वारा यह सौभाग्य योजना लाई गई थी वह वास्तव में सौभग्य ला सकती थी लेकिन विभाग इसमे पलीता लगा रहा है और सरकार बैठ कर तमासा देख रही है। देखा जाय तो ऑन रिकॉर्ड 16, 320 करोड़ रुपये बजट की यह योजना पीएम द्वारा लायी गयी थी जिसमे 60 फीसदी अनुदान केंद्र सरकार एवं 10 फीसदी राज्य सरकारों द्वारा देय होगा। इस योजना में 30 प्रतिशत राशि बैंकों से बतौर ऋण लेना है।

💥 *मात्र कागजों पर चल रहे कार्य*

सौभाग्य योजना के कार्य मात्र कागजों पर चल रहे हैं। इसकी समग्र जांच के लिए एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा सौभाग्य योजना के संचालन करने वाले विभाग को लिखा गया है। जिसमे निम्न जगहों सहित पूरे रीवा जिले में सौभाग्य योजना में हो रहे फर्जीवाड़े की जांच की माग करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की माग की गई है।

*रीवा मप्र त्योंथर डिवीज़न- इन इन जगहों पर शौभाग्य योजना का कार्य नही हुआ।*

1- कटरा डीसी, ग्राम सोरहवा ट्रांसफॉर्मर से कैथा मन्दिर तक आधा अधूरा तार, केबल खम्भे नही। दर्जन भर खंभों की आवश्यकता। केबल भी अधूरी लगी है। कार्य अधूरा।

2- कटरा डीसी, कैथा ग्राम में पुराने ट्रांसफॉर्मर से लोहार बस्ती तक एवं पंचायत भवन के पास से अंगद पटेल के घर तक, तार टूट, खम्भे उखड़े, कोई केबल नही। न्यूट्रल वायर कहीं नही हैं जमीन से अर्थ ले रहे उपभोक्ता। 500 मीटर दूर से कटिया लगा रहे। वर्ष 1989 की बिजली आज तक न तो मेंटेनेंस हुआ न तार खम्भे सुधारे गए। कई घर समुचित बिजली से वंचित।

3 – लालगांव डीसी अन्तर्गत ग्राम बांस टिकुरी टोला में शौभाग्य योजना का ट्रांसफॉर्मर लगाने खम्भा गाड़ने और केबल डालने का वर्क आर्डर हो चुका है। काम नही हुआ। कब होगा काम? मानसून आने वाला है।

4- लालगांव डीसी, ग्राम पंचायत पताई में ग्राम अतरैला एवं पताई में शौभाग्य योजना का कार्य बिल्कुल नही हुआ। कोरी, साहू, हरिजन बस्ती वंचित। और भी कई स्थान समुचित बिजली से वंचित। एक किमी दूर से तार कटिया खींचकर जला बिजली जला रहे।

5- कटरा डीसी में ग्राम पंचायत सेदहा में हिनौती खरीदी केंद्र के पास स्थित भमरिया हरिजन बस्ती में कोई न तक बिजली और न ही पानी। यहां 25 केवीए डिटीआर ट्रांसफॉर्मर की आवश्यकता। कई बार ध्यानाकर्षण कराया गया। सर्वे भी कई बार हुआ लेकिन अब तक कार्य नही हुआ।

6- कटरा डीसी में ग्राम पंचायत डाढ़ में ग्राम डाढ़ हरिजन बस्ती एवं व्योहर मिश्रा के घर के नजदीक स्थित कई मिश्रा परिवार भी एक किमी दूर करहिया और नेवरिया ग्राम से कटिया डालकर बिजली ले रहे हैं। डाढ़ हरिजन बस्ती में वर्षों से जली केबल डालकर छोड़ दिया है। यहां कई पोल और केबल चाहिए। बस्ती के लिए एक 25 केवीए का अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर चाहिए। कुल 50 से अधिक घर। क्योटी से कलवारी वाया लालगांव एमपीआरडीसी सड़क मार्ग के किनारे ग्राम डाढ़ से लेकर हिनौती तक 50 वर्ष पुराने तार और टूटे टेढ़े खम्भे दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। कौन इसे देखेगा?

7- हिनौती ग्राम, कटरा डीसी में सीतला शुक्ला एवं मुन्ना रघुवेन्द्र चौबे के घर तक 6 से 8 पोल चाहिए। 500 मीटर दूर से कटिया लगाकर बिजली ले रहे।

8- कटरा डीसी, ग्राम पंचायत लोटनी में ग्राम लोटनी, क्योटा एवं कठमना में कोई शौभाग्य योजना का कार्य नही हुआ है। खाली गड़े बिना केबल के खंभे, उलझे हुये फाल्ट लगे तार, दयनीय स्थिति में लोटनी क्योटा की लाइन। क्योटा और लोटनी ग्राम में कहीं भी न्यूट्रल वायर नही लगाया है। सोचिए यहां के लोग बिना न्यूट्रल वायर के कैसे बिजली जला रहे हैं। और बिजली विभाग कैसे उनको बिल भेज रहा है?

9 – कटरा डीसी में लोहरा एवं गदही ग्राम में भी 15 से 20 पोल का कार्य शेष। हरिजन आदिवशियों की बस्तियां हैं।

इसके अतिरिक्त भी कई ग्राम हैं जहां शौभाग्य योजना का कोई कार्य नही हुआ है।

💥 *क्या कहना है जिम्मेदारों का*

1-“जिन जिन ग्रामों का जिक्र आपने किया है उनका कार्य करवाया जाएगा। सर्वे हुआ था लेकिन ठेकेदार काम नही किये। वर्क आर्डर देखना पड़ेगा। एस्टीमेट बनाकर निर्माण शाखा एसटीसी भेज दिया गया था।”- *अभिषेक गौरव सोनी, जेई कटरा डीसी।*

2-“मैं पिछले कुछ दिनों से ग्राउंड में दौरा कर रहा हूँ और कार्य की स्थिति देख रहा हूँ। मुझे सौभाग्य योजना के कार्य मे जहां जहां कमी दिख रही है उसको नोट करके जल्द से जल्द पूरा करवाया जाएगा। आपके द्वारा भेजी गई लिस्ट हमने देखी है।”- *आर पी मिश्रा, डीई त्योंथर संभाग, एमपीईबी।*

3-“जिन जिन ग्रामो की बात आप कर रहे हैं वह आप मेरे व्हाट्सएप में भेज दें मैं दिखवाता हूँ। जहां जहां कार्य नही हुआ है उसे पूरा करवाया जाएगा। यदि सौभाग्य योजना के कार्य मे गड़बड़ी मिली और जांच के बाद अनियमितता पायी गयी तो कार्यवाही की जाएगी।”- *चीफ इंजीनियर, रीवा एमपीईबी।*

💥 *संलग्न* – विभिन्न विभागों को ट्विटर में भी भेजे गए संदेशों एवं तारों की स्थिति। स्क्रीनशॉट।

विधिवत सर्वे कराकर मानसून से् पहले कार्य पूरा कराने एवं सर्वे के दौरान आवेदक को भी रखे जाने बाबत विभाग को लिखा गया है।

🇮🇳 *शिवानन्द द्विवेदी


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