*देवेंद्रनगर मोटर साइकिल चोर सक्रीय*
*रानू हार्डवेयर मे स्कूटी चुराने के इरादे से किया प्रयास*
देवेंद्रनगर – सोसायटी रोड देवेंद्रनगर में स्थित रानू हार्डवेयर में स्कूटी चुराने के उद्देश्य से ब्लैक कलर की CD डॉन DLX –MP 19 MA 4432 मोटर साइकिल से आये दो व्यक्तियो ने पहले तो पांच रुपये की कील मांगी पांच सौ रुपये का नोट होने की बात की ,फिर बातो में उलझा कर पहले व्यक्ति ने अपनी गाड़ी की चाबी काउंटर में रख दी इसके बाद
दूसरे ने बातो में उलझाया तब जैसे ही बेटा कील उठाने के लिए पीछे गया वैसे ही पहले व्यक्ति ने अपनी चाबी उठाई ओर अपनी चाबी के साथ काउंटर में बहुत दूर रखी उनकी गाड़ी की चाबी भी उठा ली, लेकिन जैसे ही वह व्यक्ति चाबी जेब मे डाल पाता वैसे ही बेटा वापस आ गया तो उसने अपना हाथ पीछे कर लिया तब दूसरे व्यक्ति ने पांच रुपये देकर कील ली और इसी बीच मौका मिलने पर पहले व्यक्ति ने चाबी जेब मे डाल ली। इसी बीच अन्य ग्राहक भी आ गए सम्भवतः मौका न मिलने की वजह से वह व्यक्ति गाड़ी तो नही चुरा सके लेकिन चाबी लेकर चम्पत हो गए सम्भवतः वह दुबारा भी प्रयास करेंगे। दोनो वयक्ति जिस गाड़ी में आये तो वह गाड़ी विद्द्याधर दुवेदी पिता व्ही.एल दुवेदी बिरसिंहपुर के नाम रजिस्टर्ड है। अब यह कहना भी मुश्किल है कि की उक्त गाड़ी भी स्वयं की थी या चुराई हुई। लेकिन इतना तय है कि उक्त दोनों चोरी के इरादे से ही आये थे।
ठीक इसी तरह पहले भी घटनाये हुई है एक साथ तीन चार लोग किसी भी दुकान में पहुचते है, उनके साथ महिलाये भी होती है एक साथ सभी कई कई समान पूंछते है उनका रेट भी पूंछते है सामग्री लेने के बाद दो हजार का नोट देते है, फिर कम पैसे काटने को कहते है, दुकान दार बांकी पैसे वापस भी देता है इसी दरमियान रेट की बहस कर समान न लेने को कहकर पैसा वापस मांगते है, दुकानदार पैसा वापस करता है फिर उनमे से कोई एक व्यक्ति कुछ और पैसा बढाकर समान मांगता है जब दुकान दार फिर पैसा लेकर बाकी पैसा देता है तब उनमे से फिर कोई व्यक्ति समान लेने से इनकार कर पैसा वापस मांगता है , ओर बीच बीच मे अन्य सामग्री की बात कर दुकानदार को उलझाने की कोशिश करता है दो तीन बार पैसा लेने देने में या तो चालकी से अपना दो हजार का नोट गायब कर देते है, और फिर दोबारा दुकानदार से अपना नोट वापस करने का दवाव बनाते है या वापस मिले पैसो में से कुछ गायब कर विवाद करते है, यह सब उनकी सोची समझी प्लानिंग के तहत ही होता है । उनकी प्लानिंग इतनी जबरजस्त होती है कि वह झुंड बनाकर दुकान में तभी घुसते है जब दुकान में पहले से ही बहुत भीड़ होती है,इसी बात का फायदा उठाकर वह अपनी रणनीति पर सफल होने का प्रयास करते है, अगर दुकान में सी सी टी व्ही कैमरा है तो वह पहले ही सतर्क हो जाते है। और जिनके यहां कैमरा नही होता वह दुकानदार उनके फैलाए जाल में फंस जाता है, महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इसी विवाद का फायदा उठाकर पूरी गैंग चौरी करने में भी कामयाबी हासिल कर लेती है। 20/05/19 क है