दमोह जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल का हाल बेहाल, कहीं बच्चे तो कहीं शिक्षक परेशान,दमोह से मोहन पटेल की रिपोर्ट

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दमोह -जहां सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु पढ़ाई के लिए लाखों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है जिससे शिक्षा का स्तर सुधर सके लेकिन देखा जाए तो व्यवस्था कुछ और ही बयां करती हुई नजर आ रही है और अब सवाल उठता है कि बच्चें पढ़ाई करें तो कैसे करें संपूर्ण मामला है दमोह जिले के कुछ ग्रामीण स्कूलों का जहां पर कक्षा बार के अनुसार शिक्षक नहीं है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार की दिशा में जाता दिखाई दे रहा है तो ऐसा ही नजारा है ग्राम रियाना मिडिल स्कूल का है जहां 85 बच्चे पढ़ते है जहां पर 6 वीं कक्षा से लेकर आठवीं तक के लिए एक अतिथि शिक्षक गणेश तिवारी है जो कि इंग्लिश विज्ञान गणित जैसे विषय पढ़ाते है वही शिक्षक अशोक पाठक ने बताया कि हम स्कूल का कार्यभार संभालते हैं और मैं मुड़ारी स्कूल में पदस्थ हूं लेकिन रियाना मिडिल स्कूल में कोई शिक्षक न होने की बजाय से हम यहां का कार्यभार संभालते हैं यहां बिगत वर्षों से शिक्षकों की समस्या हो रही है एवं आरती ठाकुर संध्या ठाकुर सुनील ठाकुर ने बताया कि विषय बार शिक्षकों के न होने से हम लोगों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिस और जिला प्रशासन भी कुछ खास ध्यान नहीं दे रहा है एवं हम लोगों के द्वारा भी पूर्व में इस विषय को लेकर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास भी किया जा चुका है बावजूद इसके आज तक कोई भी कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई।

मोहन पटेल, दमोह

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