ट्रेजरी और संकुल केन्द्र के बीच लटका मामला
देवतालाब – मध्यप्रदेश में नौनिहालों को शिक्षा प्रदान कर उनमें योग्य प्रतिभाऐं निखारने का दाइत्व सम्हालने वाले शिक्षकों से उनके विद्यालय में अध्ययन रत क्षात्रों के शत प्रतिशत परिणाम पालकों के साथ-साथ प्रदेश के हुक्मरान भी चाहते हैं और इस क्रम में खरे नहीं उतरने वाले शिक्षकों के विरुद्ध समय-समय पर कार्रवाई के निर्देश भी जारी होते हैं । परन्तु शिक्षण कार्य के अलावा भी सरकार के निर्देश पर अन्य शासकीय कार्यों में तन्मयता से काम करनेवाले वाले इन्हीं शिक्षकों को अपने पारिश्रमिक वेतन के लिए दर-दर भटकना पड़ता है तब अनुशासन का चाबुक चलाने वाले आलाअधिकारियों का पता नहीं लगता । यदि किसी मजदूर को समय पर मजदूरी का भुगतान न हो तो उसे अपने पारिवारिक भरणपोषण के लिए किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है यह केवल मानवीय संवेदनाओं से ही समझा जा सकता है । ऐसा ही मामला इन दिनो जिले के मऊगंज विकास खण्ड अंतर्गत शिक्षा विभाग का सामने आया है जहां विगत कई महीनों से कई संकुल केन्द्र अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है । उक्त सम्बंध में बताया जाता है कि वेतन भुगतान बिल संकुल से ट्रेजरी भेज दिया गया है और ट्रेजरी के आलाकमानों द्वारा कह दिया जाता है कि भुगतान सम्बंधित बैंकों में भेज दिया गया है लेकिन जब शिक्षक बैंक वेतन लेने बैंक पहुंचते हैं तो बैंक मे ट्रांजेक्शन फेल होने की बात सामने आती है यह स्थिति मऊगंज विकास खण्ड के कई विद्यालयों में कार्यरत दर्जनों शिक्षकों की है । लेकिन मामला कहा गड़बड़ है और इन शिक्षकों को वेतन कैसे मिले इस बात पर कोई भी अधिकारी कर्मचारी काम करने को तत्पर नहीं है लिहाजा विगत कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण प्रभावित शिक्षकों के पारिवारिक भरणपोषण की स्थिति क्या होगी यह बात सहजता से समझी जा सकती है । लिहाजा महीनों से वेतन के लिए दर व दर ठोकर खाने वाले शिक्षकों मे सरकार के इस रवैया के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है जबकि आगामी फरवरी माह से ही स्कूलों में बार्षिक परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं ऐसी स्थिति में शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान न होने से शिक्षकों के आक्रोश का असर परीक्षाओं को भी प्रभावित कर सकता है लिहाजा शिक्षकों ने सरकार एवं सम्बंधित अधिकारियों से सर्व हित को ध्यान रखते हुए रुके हुए वेतन का अबिलम्ब भुगतान कराऐ जाने की मांग की है ।