समाजसेवी रामबिहारी गोस्वामी द्वारा सोशल मीडिया से रक्तदान के लिए दी जा रहे प्रेरणा
मध्य प्रदेश के पन्ना जिला चिकित्सालय में भर्ती श्रीमती सिम्मी सिंह उम्र 25 वर्ष निवासी पुलिस लाइन पन्ना एवं अजयगढ़ तहसील क्षेत्र के पिस्टा ग्राम निवासी श्रीमती सावित्री पांडे उम्र 45 वर्ष को रक्त की अत्यंत कमी थी । जिसको लेकर पीड़ित परिजन काफी परेशान थे दोनों की समस्याएं जब पन्ना जिले के समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी को प्राप्त हुई तो उनके द्वारा सोशल मीडिया पर संदेश जारी किया गया। जिसके उपरांत पन्ना नगर के कटरा मोहल्ला निवासी जगन्नाथ स्वामी मंदिर बड़ा दिवाला के पुजारी नोटरी अधिवक्ता राकेश गोस्वामी के अनुज समाजसेवी दिनेश गोस्वामी को जैसे ही सूचना प्राप्त हुई वह तत्काल ही जिला चिकित्सालय पहुंचे और श्रीमती सिम्मी सिंह के परिजनों से मुलाकात कर उन्होंने स्वेच्छा से बी पॉजिटिव रक्तदान कर महिला को नया जीवनदान दिया गया है। वही पिस्टा ग्राम निवासी श्रीमती सावित्री पांडे को एबी पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी । जिसको लेकर समाजसेवी श्री राम बिहारी गोस्वामी द्वारा परिजनों का ब्लड मिलान कराने के लिए कहा गया। जिसके बाद उनके रिश्ते के भाई रमन पाठक का एबी पॉजिटिव ब्लड मिलान होने पर उनके भाई को रक्तदान करने के लिए श्री गोस्वामी द्वारा प्रेरित किया गया । जिसके बाद रमन पाठक निवासी पिपरवाह के द्वारा स्वेच्छा से रक्तदान कर पुनीत कार्य किया गया । रक्तदान दाता समाजसेवी दिनेश गोस्वामी ने कहा कि रक्तदान प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में तीन से चार बार अवश्य करना चाहिये । रक्तदान करने से जहां शरीर का ब्लड पतला पड़ता है जिससे हृदय गति संबंधी बीमारियों से बचाव होता है । वही दूसरी ओर किसी जरूरतमंद को यदि समय रहते रक्त दे दिया जाता है तो उसके जीवन को बचाया जा सकता है । रक्त के अभाव में इंसान के प्राण जा सकते हैं और एक परिवार के सदस्य की मृत्यु होने से परिवार में बहुत बड़ी क्षति होती है । इसलिए स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में तीन से चार बार जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान अवश्य करना चाहिये। दूसरे रक्तदान दाता रमन पाठक ने कहा कि उनके द्वारा 40 वर्ष की उम्र में पहली बार रक्तदान किया गया है और समाजसेवी श्री गोस्वामी के कारण आज जो रक्तदान करने की प्रेरणा मिली है वह अब हमेशा जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान अवश्य करेंगे । उन्होंने बतलाया कि उन्हे पहले रक्तदान करने में भय लगता था । लेकिन आज रक्तदान करने के उपरांत जो शरीर में आत्म संतोष प्राप्त हुआ है वह जीवन में कभी नहीं हुआ है । रक्तदान दाता श्री पाठक ने कहा की अब जब कभी भी किसी भी जरूरतमंद को एबी पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता पड़ेगी तो निश्चित रूप से रक्तदान करने पहुंचेंगे।