अस्पताल प्रबंधन ने डिस्चार्ज कर छोड़ दिया भगवान भरोसे
जिला अस्पताल पन्ना से 60 किलोमीटर दूर है पीड़ित परिवार का घर बीहड़ जंगल से हैं रास्ता
अजयगढ़ – मध्य प्रदेश के पन्ना जिला चिकित्सालय में भर्ती 89 वर्षीय वृद्ध रामदास शर्मा को अत्यंत स्वास्थ्य खराब होने के कारण दिनांक 5 अप्रैल को जिला अस्पताल पन्ना में भर्ती कराया गया था । जहां पर उपचार के दौरान वह पूर्णता आज दिनांक 9 अप्रैल को स्वस्थ हो गये। जिसके बाद जिला चिकित्सालय के चिकित्सक द्वारा उन्हें छुट्टी दे दी गयी है। एवं स्टाफ नर्सों ने वार्ड से डिस्चार्ज पर्चा बनवा कर पीड़ित परिवार को थमा दिया गया। मगर धारा 144 एवं लोक डाउन के कारण पीड़ित परिवार को जहां कोई यात्री बस नहीं है वही कोई टैक्सी से छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहा है । क्योंकि उन्हें डर है कि उनके वाहन को कहीं कोई पकड़ ना ले । दूसरी और पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर है । जब पीड़ित परिवार को जिला अस्पताल से घर अजयगढ़ तहसील के ग्राम बीरा तक भेजने के लिए 108 एवं हंड्रेड डायल कॉल सेंटर पर बात की गई तब उनके द्वारा बताया गया कि अस्पताल से मरीज को घर छोड़ना आपातकालीन स्थिति में 108 एवं 100 नंबर वाहन का कार्य नहीं है। जिसके बाद कोतवाली पन्ना पुलिस से संपर्क किया गया उनके द्वारा कहा गया कि पुलिस की जवाबदारी नहीं है किसी को छुड़वाना और जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई तब उन्होंने बताया कि दो एंबुलेंस वाहन जिला अस्पताल में रखी हुई हैं। मरीजों को लाने के लिए ही उपयोग में की जा रही हैं। स्वस्थ मरीज को एवं वृद्धों को छोड़ने का कार्य उन एंबुलेंस से नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद पन्ना तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी से दूरभाष पर बात की गयी तब उनके द्वारा कहा गया कि पीड़ित परिवार के संबंध में जानकारी प्राप्त हो चुकी है। और उनके लिए वाहन की व्यवस्था कराई जा रही है।अभी तक कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया है। जैसे ही बहन की व्यवस्था होगी उन्हें सुरक्षित घर छोड़ा जाएगा। सवाल यह खड़ा होता है कि जब जिला अस्पताल पन्ना मे दूरदराज से लोग उपचार कराने के लिए आ रहे हैं और धारा 144 एवं लोक डाऊन के कारण कोई भी वाहन आ जा नहीं रहे हैं। तब ऐसी परिस्थितियों में डिस्चार्ज हो रहे मरीज एवं उनके परिजनों को घर तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा अभी तक बहनों की व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
4 घंटे बीत जाने के बाद भी शाम 4:00 बजे तक वाहन न मिलने के कारण पीड़ित परिवार काफी दुखी है और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है मगर अभी तक उनको वाहन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा नहीं कराई गई है । यह एक बहुत ही बड़ी लापरवाही निकल कर सामने आ रही है।