अयोध्या. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) के लिए भूमि पूजन किया. इसके साथ ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया. जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 200 फीट गहरी (200 Feet Deep Foundation) होगी. इसके लिए लार्सन टूब्रो कंपनी ने जमीन के 200 फीट नीचे तक नापी की है, ताकि जमीन मंदिर का भार सह सके. साथ ही राम मंदिर के निर्माण में तकनीक का भरपूर प्रयोग किया जाएगा, जिससे कि यह मंदिर 1000 वर्ष तक सुरक्षित खड़ा रहे. मंदिर को भूकंप रोधी बनाने के लिए मंदिर की नींव बेहद मजबूत बनाई जाएगी. यही वजह है कि जमीन के 200 फुट नीचे तक नींव भरने का निर्णय लिया गया है.
हालांकि, बरसात को ध्यान में रखते हुए फिलहाल अभी नींव की खुदाई का कार्य शुरू नहीं किया गया है. वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मानें तो नींव की ड्रॉइंग तैयार हो गई है. अभी वह ट्रस्ट के सामने नहीं आई है.
रामजन्म भूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी चंपत राय के अनुसार, नींव की खुदाई का मानचित्र पहले फाइनल होगा. उसके बाद ही मंदिर की नींव की खुदाई शुरू होगी. लेकिन इसमें अभी एक से दो महीने का समय लगेगा. उन्होंने कहा कि आगे का काम अब तकनीक का है. ऐसे में तकनीक का पूरा सहारा लिया जाएगा, क्योंकि काफी लंबी नींव खोदी जाएगी. इसलिए इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि मौसम अनुकूल रहे. बारिश के मौसम में नींव में पानी भरने का खतरा रहता है.
नींव की खुदाई का मानचित्र तैयार हो चुका है
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि नींव की खुदाई का मानचित्र तैयार हो चुका है, लेकिन अभी ट्रस्ट के सामने नहीं पहुंचा है. चेन्नई आईआईटी ने इसको तैयार किया है. जल्द ही मानचित्र को ट्रस्ट के सामने पेश किया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर नींव की परछाई जमीन पर न पड़े, इस बात का भी पूरा ख्याल जाएगा. साथ ही मंदिर निर्माण में धार्मिक मान्यताओं को भी जोड़ा जाएगा. मान्यता है कि मंदिर के शिखर की परछाई जमीन पर नहीं पड़े, इसकी वजह से जमीन से जो मानक है उस ऊंचाई तक मंदिर को ले जाया जाएगा. साथ ही 200 फीट गहरी नींव की खुदाई होगी. भवन पूर्ण रूप से भूकंप और दैवीय आपदाओं से सुरक्षित रहेगा और इसकी आयु 1000 वर्ष तक रहेगी. संपूर्ण 70 एकड़ जमीन पर नक्शा पास करवाएगा ट्रस्ट
ट्रस्ट के लोगों ने भी राम मंदिर को ऐतिहासिक और बेमिसाल बनाने की तैयारियां कर रखी हैं. साथ ही राम मंदिर के संपूर्ण 70 एकड़ जमीन पर मानचित्र को पास कराया जाएगा और उसके लिए मान्य सरकारी शुल्क को भी ट्रस्ट बिना छूट के जमा करेगा, जिससे कि भविष्य में किसी तरीके का कोई विवाद न रह जाए.