एसटीसी सिंगरौली को यथावत रखने कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने प्रमुख सचिव से की मुलाकात, सिंगरौली से संवाद न्यूज ब्यूरो गोबिन्द राज की रिपोर्ट

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कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम के प्रमुख सचिव से की मुलाकात 

एसटीसी सिंगरौली को यथावत रखने की मांग, मिला आश्वासन 

सिंगरौली 18 सितम्बर। ऊर्जा विभाग का संभागीय कार्यालय व उप संभागीय कार्यालय निर्माण शाखा सिंगरौली को बंद करने की मंशा चल रही थी। लेकिन कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमित द्विवेदी, जिलाध्यक्ष तिलकराज सिंह, कार्यवाहक अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ला के साथ-साथ सिंगरौली कलेक्टर केव्हीएस चौधरी ने एसटीसी कार्यालय सिंगरौली को यथावत रखने की बात सरकार से की है। वहीं प्रदेश सचिव व कार्यवाहक अध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रमुख सचिव अशोक वर्डवाल से मुलाकात की और कहा कि जिस तरह सतना को यथावत किया गया है उसी तरह सिंगरौली को भी यथावत किया जाय। प्रदेश सचिव के इस मांग पर प्रमुख सचिव ने गंभीरता से लिया और यथावत रहने का आश्वासन भी दिया है। कांग्रेस प्रदेश सचिव अमित द्विवेदी ने मुख्यमंत्री  व ऊर्जा मंत्री को दिये मांग पत्र में कहा है कि सिंगरौली जिले में वृत्त कार्यालय है वहां पर उप संभाग कंपनी के नियमानुसार गठन किया गया है। सिंगरौली जिले में भी वृत्त कार्यालय दिसम्बर 2018 से गठन किया जा चुका है। जिस पर नीति आयोग एवं आरईसी ने सिंगरौली जिले को देश का सबसे पिछड़े जिले की श्रेणी में घोषित किया है। आजादी के बाद से सिंगरौली जिले में विद्युत की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी, लेकिन पिछले एक वर्ष से जब से संभागीय कार्यालय सिंगरौली जिले में खोला गया तब से जिले के सुदूर स्थित आदिवासी, हरिजन परिवारों एवं अन्य  पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों को सिंगल बत्ती कनेक्शन व पम्प ऊर्जीकरण के साथ-साथ विद्यालयों का विद्युतीकरण पंचायत एवं मजरे टोलों में विद्युतीकरण, स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था और मुख्य रूप से 31/11 नवीन सब स्टेशनों का निर्माण जैसे मौहरिया, मकरोहर, खिरवा, लंघाडोल हेतु संशाधन की व्यवस्था, जिले में निर्माण शाखा, एसटीसी रहने के कारण ही चहुमुखी विद्युतीकरण के क्षेत्र में संभव हो पाया है। इतना व्यापक पैमाने में विद्युतीकरण कार्य आजादी से लेकर एक वर्ष पूर्व तक विद्युतीकरण अधोसंरचना नहीं हुआ। जिले में विद्युतीकरण के क्षेत्र में विकास की गति देने के लिए निर्माण शाखा रहना उचित होगा। कार्यवाहक अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल जिला कांग्रेस कमेटी ने कहा कि सीजीएम एचआर के आदेश क्र.9850-51 दिनांक 6 सितम्बर 2019 के तहत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 8 जिलों के एसटीसी का समाहित अन्य जिलों के एसटीसी में कर दिया गया था। जिसके विरोध में सतना, उमरिया, दमोह, कटनी के जिला प्रतिनिधि के भारी विरोध के कारण सीजीएम एचआर को विवश होकर पुन: उप संभाग निर्माण शाखा को फिर से यथावत कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि सभी जिलों में समाहित किये गये निकटवर्ती जिले की दूरी 60 किलोमीटर से अधिक नहीं थी, लेकिन सिंगरौली जिले का सीधी जिले में समाहित यथावत रखा गया, जबकि सिंगरौली जिले से सीधी की दूरी डेढ़ सौ किलोमीटर है। जिले के अंतर्गत कई विद्युत उत्पादन स्थापित हैं, जिसके कारण जिले को ऊर्जा राजधानी के रूप में जाना जाता है। जहां आज भी सीमावर्ती उत्तरप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से लगे हुए बहुत से गांव विद्युत विहीन हैं। जहां सीधी से ज्यादा विकास की आवश्यकता सिंगरौली जिले को है। जिस कारण जिले में विद्युतीकरण के विकास कार्य को तीव्र गति से करने हेतु संभागीय कार्यालय व ऊर्जा संभाग कार्यालय होना सिंगरौली जिले के लिए न्यायोचित होगा। 

सिंगरौली से संवाद न्यूज ब्यूरो गोबिन्द राज की रिपोर्ट

 

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