देवतालाब विधायक माननीय गिरीश गौतम जी को मंत्रिमंडल में शामिल न किये जाने पर वर्षों से पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे जमीनी कार्यकर्ताओ में भारी आक्रोश देखा जा रहा है संगठन के प्रति लोगों ने काफी गुस्सा और आक्रोश के भाव दिखाये है मैं कुछ वरिष्ट कार्यकर्ताओ से बात किया जैसे देवतालाब से पूर्व मंडल अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह चन्देल,रामायण पांडेय,शिवपूजन शुक्ला, मन्नूलाल गुप्ता,मंडल अध्यक्ष संजय सोनी, सुरेन्द्र मिश्र,रमा गोविंद सिंह,लोकमणि पटेल,भास्कर गौतम, वरिष्ठ पत्रकार एस.के.कुसमाकर, महेंद्र सिंह अतरैला,प्रमोद सिंह सेंगर, विनोद पाण्डेय, कान्हा दीक्षित,सीतला सोनीं, अशोक सिंह परिहार, कुलदीप शुक्ला,ब्रम्हप्रकाश शुक्ला आदि लोगो ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बताया कि देवतालाब की जनता गत 25 वर्षों से लगातार भाजपा को यहाँ से विधायक चुन कर दे रही है , इसके बाबजूद संगठन देवतालाब विधानसभा से सौतेला व्यवहार करते हुए मंत्रिमंडल में यहाँ से चुनकर पहुँचे विधायक को आज तक स्थान नही दिया , सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि देवतालाब से जिताकर यहाँ की जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओ ने ऐसे योद्धा को भेजा था जिसने विन्ध में कांग्रेस के सबसे बड़े योद्धा को मनगवां विधानसभा में हराकर एक इतिहास रचा था परिसीमन के बाद देवतालाब में भी लगातार हैट्रिक का इतिहास बनाते हुए विधानसभा में पहुँचे देवतालाब के योद्धा माननीय गिरीश गौतम जी जो कि मंत्री पद के दाबेदार कहें या हकदार थे जब उस समय के दिग्गज नेता विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी जी को 2003 में 28000 वोटों से हराकर इतिहास रचा था ।
पर तब से आज तक संगठन ने सिर्फ अस्वासन ही दिया मैं तो समझता हूं गिरीश गौतम जी को उसी समय पर मंत्री बनाना चाहिए था जब पहली बार कांग्रेस का गढ़ तोड़कर रीवा की राजनीति के सफेद शेर कहे जाने बाले श्रीनिवास तिवारी जी को हराया था, लेकिन संगठन के सौतेले व्यवहार और बार बार अंतिम दौर में देवतालाब विधायक गिरीश गौतम जी को मंत्रिमंडल में शामिल न करना उनके ऊपर और देवतालाब की जनता के ऊपर बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है जो अब कार्यकर्ताओ में बहुत बड़ा आक्रोश बन कर संगठन के प्रति उभर रहा है ।
संगठन का निर्णय सर्वोपर परन्तु इस पर विचार करे संगठन-गिरीश गौतम
देवतालाब विधायक गिरीश गौतम ने सावन के पहले सोमवार के अवसर पर शिव मंदिर देवतालाब में भगवान शिव की पूजा आराधना करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं में रीवा जिले में 8 विधायक देने के बाद मंत्री पद की जिज्ञासा होना स्वाभाविक है परंतु संगठन की कुछ परिस्थितियों के कारण यह नहीं हो पाया इसमें परेशान होने की बात नहीं है विकास के कार्य पहले से ज्यादा तेजी से किए जाएंगे परंतु संगठन इस पर विचार करना चाहिए और मैं अपने कार्यकर्ताओं से यही अपील करता हूं कि संगठन का निर्णय सर्वोपरि होता है और उसे हम सबको मान्य करना चाहिए