जिला अस्पताल पन्ना में नहीं है कैंटीन मरीजों के परिजनो को हो रही परेशानी,पन्ना से संवाद न्यूज सिटी ब्यूरो सचिन खरे की रिपोर्ट

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पन्ना।सरकार ने गरीबों की स्थिति और हालात को देखकर स्वास्थ्य को लेकर बहुत सारी योजनाएं चल रही हैं जैसे दीनदयाल उपचार योजना आयुष्मान योजना और भी विभिन्न प्रकार की सरकार द्वारा योजनाएं स्वास्थ्य को लेकर चल रही है अस्पताल में मरीजों का इलाज करने के लिए और सफाई की व्यवस्था की बात करें तो कायाकल्प में पन्ना बुंदेलखंड के जिला चिकित्सालय को स्वच्छता में राज्य सरकार से अवार्ड भी मिल चुका है देखा जाए तो मध्यप्रदेश में जिस तरीके की सफाई व्यवस्था और मैनेजमेंट देखने को मिलता है ऐसा किसी प्राइवेट हॉस्पिटल और संस्थान में भी नहीं है तो वही जिला अस्पताल एक बहुत बड़ी कमी रह गई कि वर्षों से लोग बाहर बनी खुली होटलों के समोसे चाय और नमकीन खुले में रखे हुए पदार्थ खाते हैं कहीं ना कहीं जब वह मरीज के साथ अपने घर वापस जाते हैं कुछ ही दिनों बाद जो मरीज को लेकर उसका इलाज करने अस्पताल लाया था पता चला कि अब खुद बीमार हो गया कहीं ना कहीं रोज बाहर का खाने-पीने के खुले में जो रखा था उससे भी फर्क पड़ता है जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर तो बना दिया गया मगर व्यवस्थाओं की बात करें तो नाही नई बिल्डिंग में कैमरे हैं ना ही मरीजों और उनके परिजनों को पीने के लिए पेयजल व्यवस्था और ना ही खाने पीने के लिए कोई भी कैंटीन है जो कैंटीन बन भी रही थी उसका काम पता नहीं क्यों बंद हो गया किसने बंद करवाया क्यों बंद करवाया क्या वजह थी बंद करवाने की पता नहीं पर काम बंद होने से कहीं ना कहीं इसका फर्क जनता पर पढ़ रहा है और फिर जो कैंटीन का स्थान निर्धारित किया गया वह भी सही नहीं है क्योंकि कैंटीन के चारो तरफ गंदगी डली हुई है कचरा जैसे जिला अस्पताल में डिलीवरी वार्ड भी है जहां पर सुरक्षित प्रसव कराया जाता है सावधानीपूर्वक प्रसव के दौरान कुछ ऐसी खाने की चीजें और वस्तु की जरूरत पड़ती है जो कि सिर्फ होटल में ही मिलती है जैसे की गर्म पानी करवाना बिना दूध के काली चाय वगैरा-वगैरा कहीं ना कहीं बाहर का खुला पीने से और खाने से मां और बच्चे पर भी संक्रमण हो सकता है क्योंकि जो बाहर होटलों से खुले में रखी खाने की वस्तु पर बैठी मक्खी सीधे उड़कर नमकीन चाय समोसा पर बैठ जाती है और उन पर की कीटाणु छोड़ देती है और वही खुले में रखे खाने की वस्तु को यहां के मरीज और उनके परिजन खाते हैं जिससे संक्रमण होने का खतरा है लोगों का कहना है कैंटीन अगर अस्पताल के अंदर हो जाए तो मरीजों को सुविधा हो जाएगी उनको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और सुरक्षित स्वस्थ होकर अपने मरीज को अच्छा और साफ खिलाकर स्वस्थ बनाकर जिला अस्पताल से विदा लेगा।

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