*जिले की विभिन्न तहसीलों में लगेंगे सामान्य विधिक जागरूकता
दमोह :राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों के तहत आजादी के अमृत महोत्सव पर अखिल भारतीय जागरूकता एवं पहुंच कार्यक्रम अंतर्गत 14 नवम्बर 21 तक मेला कार्यक्रम एवं विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किये जायेंगे। इसी तारतम्य में सामान्य विधिक जागरूकता शिविर के तहत 15 अक्टूबर को तेन्दूखेड़ा तहसील के ग्राम झलौन में, 20 अक्टूबर को हटा तहसील के ग्राम हिनौताकला में, 21 अक्टूबर को दमोह तहसील के ग्राम टिकरी बुजुर्ग में, 22 अक्टूबर को ग्राम बिलाई में, 23 अक्टूबर को गाम पटना खुर्द में, 24 को ग्राम बांसा में, 25 को ग्राम बनवार में, 26 को ग्राम इमलिया घाट में, 27 को ग्राम सलैया हटरी में, 28 को ग्राम घाट पिपरिया में, 29 को ग्राम देवरी जमादार में तथा 30 अक्टूबर को दमोह तहसील के ग्राम सलैया में सामान्य विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किये जायेंगे।
इस कार्य हेतु जिला न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नीरज कुमार शर्मा ने जिला न्यायालय दमोह एवं तहसील स्तर हटा, पथरिया, तेन्दूखेड़ा न्यायालय में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों, चैनल लॉयर्स एवं पीएलव्ही की ड्यूटी लगाई है।
कबीर, शंकराचार्य, गुरूनानक, गौतमबुद्ध, रहीम राज्य सम्मान पुरूस्कारों के प्रस्ताव भेजने निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी
दमोह : 12 अक्टूबर 2021
युवाओं के लिये स्थापित पुरूस्कारों यथा कबीर, शंकराचार्य, गुरूनानक, गौतमबुद्ध, रहीम राज्य सम्मान पुरूस्कारों के प्रस्ताव भेजने तथा वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 के पुरूस्कारों हेतु प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों पर कार्यवाही करने के निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी किये गये है।
अपर कलेक्टर नाथूराम गौड़ ने जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखों से कहा है वर्ष 2019 एवं 2020 के इन पुरूस्कारों के आवेदन पत्र आमंत्रित करने हेतु संभाग स्तर के प्रमुख समाचार पत्रों में 25 सितम्बर 2021 को विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है, जिसमें आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि 45 दिवस नियत है, उक्त अवधि 10 नवम्बर 2021 को समाप्त होगी। उन्होंने कहा है दिये गये निर्देशों के तहत समय सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
कृषक एनपीके या अन्य मिश्रित उर्वरक का उपयोग रबी फसलों में करें
दमोह :रवि मौसम में फसलों की बुआई शीघ्र प्रारंभ होने की संभावना है। जिला विपणन अधिकारी ने कृषकों से कहा है डीएपी की कमी को देखते हुये एनपीके 12:32:16 या अन्य मिश्रित उर्वरक जैसे 14:35:14, 14:28:14, 10:26:26 का उपयोग रबी फसलों में किया जा सकता है, साथ ही सुपर फास्पेट यूरिया एवं पोटाश को संयुक्त रूप से फसल की आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है। सुपर फास्फेट उपयोग करने से संबंधित खाद में पाये जाने तत्व एनपीके के अलावा सल्फर की भी पूर्ति हो सकेगी।
कृषक यहां पर इस तरह से समझें कि डीएपी में नाइट्रोजन 18 प्रतिशत एवं फास्फेट 46 प्रतिशत एवं पोटास निरंक है। जबकि एनपीके 12:32:16 में नाइट्रोजन 12 प्रतिशत फास्फेट 32 प्रतिशत एवं पोटाश 16 प्रतिशत है, इसी तरह अन्य काम्प्लेक्स उर्वरकों में भी सभी तत्व पाये जाते है। इसी प्रकार एक बोरी डीएपी के स्थान पर तीन बोरी सुपर फास्फेट एवं 20 किलो यूरिया उपयोग करके डीएपी में पाये जाने वाले तत्वों नाइट्रोजन एवं फास्फेट के अलावा सल्फर की भी पूर्ति की जा सकती है।
जिला विपणन अधिकारी ने कहा है सभी फसलों के विकास हेतु तीन मूल तत्वों की आवश्यकता होती है जो एनपीके काम्प्लेक्स उर्वरकों में उपलब्ध रहते हैं। कृषक सभी प्रकार की रबी फसलों की बोनी हेतु अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी एवं नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क कर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।