पटेरा नगरपरिषद में सूचना का अधिकार कानून बना मजाक, हितग्राही परेशान, पटेरा से मोहन पटेल की रिपोर्ट

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पटेरा- भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए 2005 से सम्पूर्ण देश मे लागू सूचना के अधिकार का कानून लागू करने का मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा संचालित योजनाओ के क्रियान्वयन को पारदर्शिता के साथ आम आदमी को जानकारी से जोड़ना था। लेकिन अधिकारियों का शिथिल एव भ्रष्ट रवैया राह का रोड़ा बना रहता है।

मामला  नगर परिषद पटेरा मै प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दुत्तीय एव तृतीय 208/385  डीपीआर अनैतिक हस्तक्षेप कर 59/ पात्र हितग्रहीयो के नाम पृथक कर मनमाने तरीके से उनके स्थान पर जोडे गए थे।

फर्जीबाडा पटाक्षेप उपरांत दमोह कलेक्टर के निर्देश पर पटेरा तहसीलदार विकास अग्रवाल द्वारा जांच  की गई थी। जांच उपरांत नगर परिषद पटेरा की प्रधानमंत्री आवास योजना के डीपीआर मै 59/ पात्र हितग्रहीयो के नाम पृथक किया जाना और उनके स्थान पर अन्य हितग्रहीयो के नाम जोडने का फर्जीवाड़ा सिद्ध हुआ था।

अथवा जांच उपरांत पूर्व मै पोर्टल पर दर्ज अग्रेजी मै टाईप दुत्तीय एव तृतीय डीपीआर के लिए वैध माना गया था।

गौरतलब बात यह है कि नगर परिषद पटेरा द्वारा कलेक्टर कार्यालय दमोह को पुनः
प्रस्तुत हिन्दी मै टाईप दुत्तीय एव तृतीय डीपीआर को अवैध करार दिया गया था।विचारणीय तथ्य यह है कि हिन्दी मै टाईप दुत्तीय एव तृतीय डीपीआर मै संशोधन कर दमोह कलेक्टर तरूण राठी को भ्रमित करते हुए उनके समक्ष अनुमोदन हेतू प्रस्तुत किया गया था।बावजूद इसके किस पर क्या कार्रवाई की गई।वो आज भी रहस्य बना हुआ है।अधिकारियो की साठगांठ से मामला रफा दफा होता नजर आ रहा है।

नगर परिषद पटेरा मै डीपीआर मै हुए फर्जीवाड़ा मामले मै की गई जांच
जानकारी वाबत आवेदक नीतेश बडकुल के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी वाबत लोकसूचना अधिकारी कलेक्टर कार्यालय को 18/11/2019 को आवेदन देकर की गई जांच की जानकारी मागी गई थी।तीस दिवस व्यतीत जाने के बावजूद लोकसूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी उपलब्ध नही न ही सूचित गया परिणामस्वरूप प्रथम अपील अधिकारी कलेक्टेट कार्यालय दमोह के समक्ष  मामले की सुनवाई हेतू 27/12/2019 को प्रथम अपील आवेदन भारतीय डाक सेवा द्वारा प्रेषित किया गया था।गौरतलब बात यह की कलेक्टर कार्यालय दमोह द्वारा जिला पंचायत कार्यालय के समक्ष पेश कर निराकरण वावत प्रेषित कर दिया गया

विचारणीय तथ्य यह की लोकसूचना अधिकारी  जिला पंचायत कार्यालय के द्वारा आवेदन पत्र मै निराकरण हेतू  उल्लेखित विषय उनके कार्यक्षेत्र मै नही आता  है का हवाला देकर आवेदक  नीतेश बडकुल को प्रथम अपील आवेदन पत्र डाक द्वारा वापिस लौटा दिया गया है। विचारणीय तथ्य यह है कि दमोह कलेक्टर कार्यालय को निराकरण वावत आवेदन पत्र प्रेषित जिला पंचायत कार्यालय को निराकरण हेतू प्रेषित करने का औचित्य क्या था।जब आवेदन के निराकरण का विषय कलेक्टर कार्यालय से संबधित था।जो घोर लापरवाही को दर्शाता है।जो आवेदन को भ्रमित करने के दोष मै स्पष्ट से दोषी है।

सूचना के अधिकार अधिनियम 
की लोकसूचना अधिकारी ही धज्जीया उडने 
मै लगे हुए है।प्रावधान अनुसार अनुच्छेद 6(3)संबधित विभाग के पास आवेदन भेजने और आवेदक को सूचित करने के लिए वाध्य होते है।

सूचना के अधिकार कानून  के तहत  आवेदक  के  लिए उसकी  जानकारी उपलब्ध कराने का दायित्व का निर्वाह करने वाध्य होता है।आवेदक के द्वारा प्रस्तुत आवेदन कोअस्वीकार कर नियम का उल्लंघन नही कर सकता है।

गौरतलब बात यह है कि इस नियम का पालन लोक सूचना अधिकारी द्वारा नही किया गया और आवेदन को नियम का उल्लंघन कर आवेदन वापिस कर दिया गया।

नीतेश बडकुल महामंत्री जिला कांग्रेस दमोह का कहना है कि भाजपा शासित नगर परिषद पटेरा मै प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वितीय एव तृतीय डीपीआर मै पात्र हितग्रहीयो के नाम पृथक करने का फर्जीवाड़ा किया गया था। भ्रष्टाचार मै लिप्त दोषियो पर सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए थी।लेकिन अधिकारियो का भ्रष्ट और भ्रामक रवैया भ्रष्टाचारीओ को बचाने का काम कर रहा है।

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