बामनिया की नगर जागरूक अभियान समिति ने की थी पहल झाबुआ जिले के पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदिवासियों के मसीहा मामा बालेश्वर की प्रतिमा मुख्य चौराहे बामनिया में स्थापित करने को लेकर की थी मांग, झाबुआ से माणकलाल जैन की रिपोर्ट

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अंग्रेजों के शासनकाल में लड़ने वाले मामा जी को भूले बेशकीमती जमीन पर लार टपकाने वाले……

ऑपरेशन क्लीन बोल्ड सहित तीन बार हट चुका है यहां का अतिक्रमण……..

आज भी हजारों की संख्या में राजस्थान प्रांत के आदिवासी चढ़ाते हैं वर्षा काल की पकी हुई पहली फसल मामाजी की कर्मस्थली बामनिया पर…….

मामा जी की कर्म भूमि में रहने वाले भू माफिया मामा जी को भूल मुख्य चौराहे की जमीन पर मूर्ति स्थापित ना करके इनकी नजर बेशकीमती करोड़ों रुपए की जमीन पर…..
एक बार नहीं तीन बार हटाया जा चुका हे प्रशासन द्वारा मुख्य चौराहे का अतिक्रमण……….


बामनिया में मुख्य चौराहे पर से पूर्व में प्रशासन की अनूठी पहल से हटाया गया अतिक्रमण लंबे समय से चली आ रही वास्तविक उठापटक के बीच में यह कहना तथ्यात्मक दस्तावेजों के साथ में गलत नहीं होगा कि पूर्व में इन दुकानदारों को मुख्य चौराहे पर से हटा करके राजस्व विभाग एवं ग्राम पंचायत द्वारा रतलाम रोड पर 10 /10 की दुकानें आवंटित कर दी गई थी ।

लेकिन आवंटित दुकानों को रतलाम रोड पर ही इनके द्वारा 10/100 तक बढ़ा दिया गया एवं इनके द्वारा आवंटित की गई दुकानों को बेच दिया गया ग्राम पंचायत की लचर व्यवस्था के चलते रतलाम रोड पर स्थापित दुकानदारों द्वारा पुनः मुख्य चौराहे पर कब्जे जमा लिए गए थे।

एवं दुकानदारों एवं ग्राम पंचायत की सांठगांठ के चलते पक्के निर्माण को लेकर तत्कालीन एसडीएम को परमिशन के लिए ग्राम पंचायत द्वारा लिखा गया था लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारी द्वारा सुरक्षा के कारणों का हवाला देते हुए मुख्य चौराहे की दुकानों की अपील खारिज कर दी गई थी इन्ही दुकान मालिकों को मुख्य चौराहे से हटाकर रतलाम रोड पर स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायतों का आदेश दिए थे लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा राजस्व विभाग के आदेश को दरकिनार किया गया था लेकिन ऑपरेशन क्लीन के अंतर्गत कार्रवाई में पुनः मुख्य चौराहे पर से अतिक्रमण हटाया गया था

पूर्व राज्यसभा सांसद मामा जी की प्रतिमा को भूल राजस्व विभाग पेटलावद द्वारा करवाई गई अतिक्रमण मुक्त जमीन पर माफियाओं की नजर

गुजरात राजस्थान मध्य प्रदेश प्रांत के आदिवासियों के मसीहा समाजवादी चिंतक एवं पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जल जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजों के शासनकाल में लड़ने वाले आदिवासियों को मांस मदिरा से त्याग दिलाने वाले पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के कर्म स्थली बामनिया में पूर्व में की गई मांग जिसमें ऑपरेशन क्लीन के अंतर्गत नगर जागरण समिति ने यह मांग रखी थी कि यहां पर राज्यसभा सांसद एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मामा बालेश्वर दयाल की मूर्ति स्थापित की जाए लेकिन कुछ भू माफियाओं की नजर इस जमीन पर पड़ गई एवं इनके द्वारा शासन के नियमों को ताक पर रखते हुए अतिक्रमण मुक्त जमीन पर पड़ गई और पुनः जीन दुकान वालों को पूर्व में ही रतलाम रोड पर जमीन आवंटित कर दी गई थी उन लोगों को पक्के निर्माण करके बेशकीमती जमीन को हड़पने की कोशिश की गई जो घोर निंदनीय है

26 दिसंबर को पुण्यतिथि पर लगता है लाखों अनुयाई भक्तों का मेला आज भी चढ़ाई जाती है वर्षा काल की पहली फसल

मामा बालेश्वर दयाल की कर्म स्थली बामनिया में 26 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि पर राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश के लाखों भक्तों का जमावड़ा यहां पर लगता है जिसमें राष्ट्रीय स्तर के नेता सहित मध्य प्रदेश के नेताओं का भी जमावड़ा रहता है बड़ी संख्या में मामा जी के भगत मामा जी की कर्म स्थली पर भजन कीर्तन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं एवं मामा जी द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने का प्रण उनकी कुटिया पर लेते हैं आज भी वर्षा काल के समय पक्की हुई पहली फसल चढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में उनके अनुयाई यहां पर आ रहे हैं

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