मूल भूत सुविधाओं से वंचित छपरवारा ग्राम वासी,प्रशासन मौन,संवाद न्यूज के लिए सलेहा से सुशील बर्मन की रिपोर्ट

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जनपद पंचायत गुनौर की ग्राम पंचायत छपरवारा की अजीब कहानी

मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामवासी

ग्राम पंचायत छपरवारा के वासी भगवान भरोसे

सरपंच एवं सचिव की कार्यशैली संदेह के घेरे में ग्राम पंचायत छपरवारा के पदाधिकारियों द्वारा जनता के साथ किया जा रहा छलावा ग्राम पंचायत के भ्रष्ट पदाधिकारी गरीब जनता का शोषण करने में जरा भी तरस नहीं खाते जैसे पीएम आवास व शौचालय का जोरदार चल रही कमीशन खोरी हर गरीब से कमीशन खोरी का आलम जारी है ग्राम छपरवारा के सैकड़ों किसान भाई एवं मजदूर गरीबों ने जोर लगाते हुए भ्रष्ट सरपंच मुन्नी बाई चौधरी सचिव संदीप द्विवेदी पर आरोप लगाते हुए यह कहा गया है कि सरपंच सचिव के द्वारा जोरदार कमीशन खाई जा रही है जो इंसान 10000 कमीशन सरपंच एवं सचिव को देता है उसी का आवास आता है एवं उसका काम होता है जो 10000 की कमीशन नहीं देता उसका काम नहीं होता हम गरीबों के पास कमीशन देने के लिए नहीं हैं इसलिए हम दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं और हमारा काम नहीं हो रहा है ग्राम वासियों के द्वारा यह भी आरोप है कि गांव में बूढ़े बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष वृद्धा पेंशन के लिए भी भटक रहे हैं जिनमें वृद्धा एवं विधवा पेंशन भी नहीं मिल रही है ऐसे दर्जनों असहाय बुजुर्गों को शासन की सुविधा नहीं मिल पा रही है व ग्राम में रास्ता की भी भीषण समस्या है विद्यार्थियों एवं नन्हे-मुन्ने बच्चों को विद्यालय के लिए घुटनों से कीचड़ में गुजर कर जाना पड़ रहा है छात्र-छात्राएं प्रिंस सिंगरौल , दीपेंद्र कुशवाहा , दीपक सिंगरोल , कु अंजली सिंगरौल , आरती सिंगरौली , आकांक्षा कुशवाहा ग्राम पंचायत छपरवारा के सैकड़ों ग्रामवासियों में लल्लू लाल लोधी पिता हरबंस लोधी , लखन साहू छपरवारा नन्हू कुशवाहा , इंद्रपाल कुशवाहा , बिहारी लाल लोधी , राममिलन लोधी एवं सभी लगभग दर्जनों गरीब मजदूर एवं किसान भाइयों ने आवाज उठाते हुए मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए यह आग्रह किया है कि हमारे ग्राम की चरमराई हुई व्यवस्था को सुधरवाई जाए एवं भ्रष्ट पदाधिकारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए जिससे हमारे नौनिहाल एवं नन्हे- मुन्ने बच्चों का जीवन अंधेरे से निकल सके। ग्राम छपरवारा में यदि कोई बीमार हो गया तो उसको ले जाने के लिए डोली बनाकर 1 से 2 किलोमीटर जाना पड़ता है इसके बाद कहीं वाहन मिल पाता है क्योंकि गांव के अंदर कोई वाहन नही जा सकता। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि यहां बरसात में कई गर्भवती महिलाओं को ले जाते समय ही रास्ते में ही डिलेवरी हो जाती है क्योंकि वाहन गांव के अंदर नही आ सकते। स्कूली बच्चों को बरसात के समय में बड़ी समस्याएं आती हैं। ग्राम पंचायत छपरवारा के ग्रामवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी जांच कर जवाबदार अधिकारियों के ऊपर कठोर कार्यवाही की जाए।

सलेहा(पन्ना)से सुशील बर्मन की रिपोर्ट

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