धामपुर मे आरएसएस द्वारा मनाया गया शरद पूर्णिमा एवं महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव, बांटी गई खीर, बिजनौर से संवाद न्यूज ब्यूरो एम.शकीर की रिपोर्ट

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धामपुर मे आरएसएस ने मनाया शरद पूर्णिमा एवं महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव

बिजनौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धामपुर द्वारा शरद पूर्णिमा एवं महर्षि वाल्मीकि प्रकट उत्सव कार्यक्रम मनाए। कार्यक्रम में अलग-अलग स्थानों पर मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनेक दायित्ववान स्वयंसेवकों ने अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया। जिसमें मुख्य थे नगर संचालक अनिल जी विनोद जी विपिन जी रविंद्र जी अनिल जी दीपक जी प्रखर जी विकास जी आदि ने शरद पूर्णिमा के महत्व को बताकर धामपुर के अनेक गणमान्य नागरिकों एवं सेवकों का मार्ग दर्शन किया। कार्यक्रम में अनेक सेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्यतः पराग जयदीप  विभोर पार्थ श्याम पारस अक्षय सुभाष जी लोकेंद्र जितेंद्र पवन, प्रखर जितेन्द्र हेमेंद्र जी आदि अनेक स्वयंसेवको  एवं नगर के अनेक  गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम उपरांत चंद्रमा की किरणों में रखी हुई स्वादिष्ट खीर प्रसाद के रूप में सभी को वितरित की गई। सबने खीर का आनंद उठाया। डा. हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना करने के बाद छह त्योहारों को विशेष रुप से मनाने का आग्रह हिंदू समाज से किया। जो हम रीति नीति के अनुसार आज तक मनाते आ रहे हैं। हालांकि सभी त्योहारों को भलीभांति बनाते रहते हैं, लेकिन इन क्षेत्रों का विशेष महत्व होता है। जिसमें से एक शरद पूर्णिमा का दिन है शरद पूर्णिमा के दिन रात्रि में चंद्रमा की रोशनी से किरणों के द्वारा अमृत के समान बनी हुई खाई गई खीर से आंखों की रोशनी तेज होती है। शरीर स्वस्थ रहता है। आज के दिन लक्ष्मी माता रात्रि में भ्रमण करती हैं और सभी जगह देखती है कि कहां मेरी अखंड जोत जल रही है कहां मेरी पूजा अर्चना हो रही है कहां पर खीर का भोग लगाया जा रहा है लक्ष्मी माता विराजमान होती हैं। सब पर कृपाबरसाती है। अंत में बाल्मीकि जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामायण जैसे अद्भुत ग्रंथ का निर्माण कर भगवान श्री राम जी के जीवन परिचय को हमारे जीवन में उतारने के लिए प्रस्तुत किया जिस रामायण के पाठ को करके सभी मनुष्य अनेक बातों को समाज में जीवन में ग्रहण करने का ज्ञान प्राप्त करते हैं श्री राम जी के जीवन परिचय को रामायण में प्रस्तुत कर बाल्मीकि जी ने हिंदू समाज के लिए बहुत बड़ा ज्ञानवर्धक मार्गदर्शक कार्य किया। अनेक देश भक्ति व धार्मिक कार्यक्रम जैसे गीत गायन, अंताक्षरी, बोधकथा आदि भी आयोजित किए गए। जिनमें अनेक बालक और बालिकाओं ने भाग लिया

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